सिवनी

पॉवर प्लांट की राख से खेत हो रहे बंजर, पानी जहरीला

– नागरिकों के विरोध के बाद भी खुले में डाली जा रही प्लांट की राख

सिवनीDec 26, 2024 / 07:44 pm

sunil vanderwar

पानी के स्त्रोतों, खेतों में डाली गई राख।

सिवनी/बिनैकी. जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखंड में स्थापित पावर प्लांट की कार्यप्रणाली से क्षेत्र की जनता भयभीत है। पावर प्लांट में कोयले से बिजली बनाई जाती है और बिजली बनाने के बाद बची केमिकल मिली हुई राख को क्षेत्र में कहीं भी फेंका जा रहा है। जिससे जनजीवन के साथ-साथ मूक पशुओं एवं पर्यावरण को खतरा बढ़ गया है। अब हालात ये हैं कि जिन खेतों तक राख फैल रही है, वहां जमीन पर फसल नहीं हो पा रही। जमीनों के बंजर होने से किसानों में प्लांट प्रबंधन पर खासा आक्रोश देखा जा रहा है।

क्षेत्रीय किसानों
ने कहा कि पावर प्लांट से निकली हुई राख खेतों और उसके आसपास व नदी किनारे फेंकी जा रही है। जिससे कृषि भूमि, नदी, तालाब, चेकडेम का पानी जहरीला होने की संभावना बनी हुई है। इस स्थिति पर विरोध जाहिर करते किसानों ने एसडीएम घंसौर को एक ज्ञापन देकर शीघ्र इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
एसडीएम घंसौर को सरपंच संतोष बैगा व किसान मनीराम बैगा, मोहन यादव, अनिल यादव, लालसिंह गोंड व अन्य ने एक ज्ञापन दिया है। जिसमें कहा कि पावर प्लांट से तीन किलोमीटर दूर ग्राम बिनैकी मुंडा गांव के आसपास लगी कृषि भूमि पर राख का जमाव हो गया है, जिससे वहां किसान बोनी नहीं कर पा रहे। पावर प्लांट प्रबंधन मुआवजा देने की बात से मुकर रहा है। इधर जल स्त्रोतों के आसपास भी प्लांट से निकली हुई केमिकल मिली हुई राख फैंकी जा रही है। जिससे पर्यावरण के साथ-साथ जल स्रोतों की पानी जहरीला होने का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि उन्हीं जल स्रोतों का पानी खेती में सिचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है और मवेशी इसी पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पावर प्लांट के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि प्लांट से निकलने वाली राख को वैधानिक निस्तारण के तहत नष्ट नहीं किया जा रहा, बल्कि क्षेत्र में इधर-उधर फैलाकर जनजीवन को खतरा पैदा किया जा रहा है।
किसानों व क्षेत्रवासियों ने कहा कि इसके पूर्व भी एक शिकायत पत्र तहसील घंसौर में दिया था, तब पूरे मामले की जांच करवाई थी तथा किसानों को मुआवजा देने की बात की थी पर आज दिनांक तक किसानों को कोई राशि नहीं दी गई है। किसानों ने कहा कि पावर प्लांट से निकलने वाली राख से नदियों का पानी जहरीला हुआ है एवं किसानों की जमीन भी बंजर हो रही है इससे जनजीवन पर खतरा मंडरा रहा है। इसके बावजूद प्लांट के खिलाफ शासन-प्रशासन ने अब तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे भविष्य में गंभीर परिणाम का अंदेशा जाहिर किया है।

इनका कहना है –
जहरीली राख से क्षेत्र में नुकसान हो रहा है। पावर प्लांट प्रबंधन को पहले प्रभावित किसानों को शासन के नियम अनुसार मुआवजा देना चाहिए, उसके बाद किसानों की जमीन का उपयोग करना चाहिए। प्रशासन इस पर ध्यान दे, नहीं तो भविष्य में परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
संतोष बैगा, सरपंच बिनैकी

क्षेत्रीय किसानों की समस्या हमारे संज्ञान में है। वरिष्ठ अधिकारियों से जो भी निर्देश प्राप्त होते हैं, उसी के अनुसार आगे कार्य किया जाता है। क्षेत्र के किसानों का मुआवजा देने में अभी समय लगेगा। जब राशि आएगी सूचना दी जाएगी।
मुकुन्द सिंह एचआर, पावर प्लांट

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