दुनिया भर में प्रसिद्ध पेंच टाइगर रिजर्व के बाघ, काला तेंदुआ, बायसन, चीतल, भालू और यहां का प्राकृतिक नजारा पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। पेंच टाइगर रिजर्व में हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक प्रकृति व बाघ समेत अन्य वन्य प्राणियों को करीब से देखने को मिल रहे हैं। पेंच के कोर के साथ बफर क्षेत्र में पर्यटकों को बाघ के दीदार हो रहे हैं। मानसून के बाद पेंच में चारों ओर प्रकृति की छटा और निखर गई है। पेंच का प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यप्रणियों की मौजूदगी के कारण ही यहां पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
पेंच में में 123 से ज्यादा बाघ हैं।
प्रदेश के अन्य सभी टाइगर रिजर्व में से सबसे छोटा पेंच टाइगर रिजर्व है। 1179.632 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टाइगर रिजर्व में कोर एरिया 411.330 वर्ग किमी और बफर 768.302 वर्ग किमी है। यहां 123 से ज्यादा बाघ हैं। बाघों के साथ शावकों की मौजूदगी पर्यटकों को लुभा रही है। कोर और बफर क्षेत्र में बाघिन अक्सर शावकों के साथ दिखाई देते पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। बाघों के अलावा पेंच में 175 तेंदुआ हैं। इनके साथ ही काला तेंदुआ, गौर, भालू, सांभर, चीतल, नीलगाय, भेडक़ी, जंगली सूकर, सोन कुत्ता, भेडिय़ा, मोर आदि वन्य जीव भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। पेंच टाइगर रिजर्व के कोर और बफर क्षेत्र में सफारी शुरू होने के बाद से ही भारतीय के साथ विदेशी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। इसके कारण यहां के अधिकांश रिजार्ट भी गुलजार हैं।
पेंच के इन गेट से आते हैं पर्यटन
कोर एरिया में टुरिया, कर्माझिरी और जमतरा गेट हैं, जबकि बफर में तेलिया, रूखड़, मसूरनाला, कुंभपानी और खवासा गेट से पर्यटक सफारी के लिए जाते हैं। सफारी का समय सुबह 6 से 11 बजे तक एवं शाम की सफारी दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक निर्धारित है। जुलाई, अगस्त और सितम्बर के दौरान अधिक वर्षा होती है, इससे कोर एरिया के गेट पर्यटकों के लिए बंद रखे जाते हैं।
जैस विविधता से भरा है पेंच
पेंच पार्क अपनी जैव विविधता के लिए अब पूरे देश में पहचाना जाने लगा है। पार्क बाघों के लिए भले जाना जाता हो, लेकिन यह जैव विविधता के लिए भी पहचाना जाने लगा है। यहां पर 325 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां, 90 स्तनपाई जीव प्रजातियां, 13 प्रकार के उभयचर और अन्य जीव मिलते हैं। 125 तिललियों की प्रजातियां के अलावा यहां पर1300 से अधिक पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं। विविधता पूर्ण इको सिस्टम होने के कारण पार्क पर्यावरण विदें को भी आकर्षित करता है। हर साल यहां की जैव विविधता के विषय में जानने के लिए प्रदेश के सभी जिलों के स्कूली बच्चे और शिक्षक मोगली उत्सव में आते हैं। तीन दिन रहकर यहां के जीव-जंतु और प्रकृति से रूबरू होते हैं।
इनका कहना है –
पेंच के कोर एरिया में आने वाले पर्यटकों की ऑनलाइन बुकिंग अगले तीन-चार महीने के लिए पहले से ही फुल हो चुकी है। जो कुछ सीटें तत्काल में कैंसिल होती हैं, उन्हें गेट पर ही टिकिट मिल सकता है। लेकिन पहले से ेयह निश्चित नहीं होता है। क्रिसमस से नए साल के बाद तक पेंच इलाके के रिसोर्ट तक में काफी चहल-पहल होती है।
नरेश पाटीदार, सहायक संचालक पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी
पेंच के कोर एरिया की ऑनलाइन बुकिंग कई महीनों तक की फुल हो जाती हैं। जो पर्यटक वहां नहीं जा पाते वो बफर के लिए बुकिंग कराते हैं। फिलहाल तो बफर में कम गाड़ी जा रही हैं, लेकिन क्रिसमस से नए साल तक यहां भी बुकिंग फुल रहती है।
आशीष पांडेय, एसडीओ, पेंच बफर सिवनी