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Pench News: प्रदेश के दूसरे जंगलों में पहुंचे पेंच के चार हजार से ज्यादा चीतल

– पेंच टाइगर रिजर्व से कूनो व सतपुड़ा भेजे गए सबसे अधिक चीतल

सिवनीSep 16, 2024 / 05:50 pm

sunil vanderwar

पेंच में विचरण करते चीतल का झुंड।

सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व में 50 हजार से ज्यादा चीतल चहल-कदमी कर रहे हैं। इनकी अधिकता के कारण पेंच में घास के मैदानों की कमी और दूसरे वन्यप्राणियों के विचरण में समस्या आ रही है। ऐसे में पेंच से चीतलों को दूसरे ऐसे अभ्यारण्य और जंगलों में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां इनके रहने से बाघ, तेंदुआ, चीता और दूसरे वन्यप्राणियों को शिकार आसानी से मिल सके और उनकी तादद बढ़े।

चीतलों के शिफ्टिंग का काम मानसून में भी जारी है। पेंच टागर रिजर्व से अब तक चार हजार से ज्यादा चीतल कूनो, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व व खंडवा भेजे जा चुके हैं। प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में से पेंच में सबसे अधिक चीतल हैं। यही कारण है कि यहां से सबसे ज्यादा चीतल अन्य स्थानों पर भेजे जा रहे हैं।
पेंच टाइगर रिजर्व से प्रदेश के कई स्थानों पर चीतल भेजे जा रहे हैं। अब तक सबसे अधिक चीतल कूनों और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजे गए हैं। सतपु?ा में जहां अब तक दो हजार से ज्यादा चीतल भेजे गए हैं, वही कूनों में एक हजार से अधिक चीतल शिफ्ट किए गए हैं। प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में से पेंच टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक 50 हजार से अधिक चीतल हैं। वहीं प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व व राष्ट्रीय उद्यान में चीतलों की संख्या काफी कम है। पेंच में बढ़ते चीतलों की संख्या को संतुलित करने के साथ अन्य टाइगर रिजर्व, उद्यान में इनकी संख्या बढ़ाने के लिए पेंच टाइगर रिजर्व से चीतलों को शिफ्ट किया जा रहा है।

पेंच के अधिकारियों के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व में घास के मैदान अधिक है। साथ ही यहां सागौन, गरारी व मिश्रित पेड़ हंै। इन पेंड़ों के आसपास प्रचुर मात्रा में घास होती है। चीतल घास वाले क्षेत्र में ही रहना पसंद करते हैं। इसलिए अन्य राष्ट्रीय उद्यानों के स्थान पर पेंच टाइगर रिजर्व में चीतलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान में चीतलों को पकडऩे के लिए पुरानी बोमा पद्धति अपनाई जा रही है। इस पद्धति में चीतल के रहवासी क्षेत्र में लकड़ी का खूंटा गड़ा का पर्दा व नेट से बड़े क्षेत्रफल को कवर कर बोमा तैयार या जाता है। चीतलों को आकर्षित करने के लिए उनका पसंदीदा चारा के अलावा समय-समय पर महुआ रखा जाता है। बोमा के अंदर मौजूद कर्मचारी चीतलों के बोमा में आते ही उसका गेट बंद कर देता है। इसके बाद बोमा के गेट में वाहन खड़ा किया जाता है और गेट खुलते ही हड़बड़ाहट में बोमा के अंदर फंसे चीतल सीधे वाहन में चढ़ जाते हैं। इसके बाद इन चीतलों को शिफ्ट कर दिया जाता है।
इनका कहना है –
पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में चीतल काफी संख्या में हैं। यहां से सतपुडा़, नौरादेही, कूनो और खंडवा में अब तक चार हजार से ज्यादा चीतल भेजे जा चुके हैं। मानसून में भी चीतलों को पकडकऱ शिफ्ट किया गया है।
रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी

पेंच से भेजे गए चीतलों की जानकारी
बोमा का नाम सतपुड़ा नौरादेही कूनो खंडवा

सपाट बोमा 79 12 00 00
टुरिया बोमा 467 526 415 00
अलिकट्टा बोमा 203 48 161 00
महादेव घाट बोमा 546 245 34 21
छेडिय़ा बोमा 96 12 00 00
बाघरीठ बोमा 525 85 290 00
छिंद.खारी बोमा 39 00 87 00
कुल 1955 928 987 21

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