क्षेत्र के किसानों का कहना है कि उन्होंने बहुत उम्मीद के साथ खाद, बीज और अन्य सामग्री के लिए कर्ज लिया था। मेहनत से खेती की, लेकिन फसल को नुकसान हो चुका है। ऐसे में लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल है। घर चलाना तो दूर की बात है कर्ज चुकाने की भी मुसीबत है। किसानों का कहना है कि अब सरकार ही उनकी समस्या दूर कर सकती है।
इस साल अत्याधिक बारिश होने से मक्के की फसल जड़ से खराब हो गई है। जिससे भुट्टों का आकार छोटा होकर रह गया है। जल्द सर्वे कार्य कराना चाहिए।
कैलाश कुशवाहा, किसान
बारिश की अधिकता के चलते मक्के की फसल को बहुत नुकसान हुआ है। पिछले बार की अपेक्षा फसल का औसत आधे से भी कम है। जिससे अधिक आर्थिक क्षति हुई है।
अमीरसिंह भलावी, किसान
मक्के की फसल में इस बार बहुत नुकसान हुआ है। ऐसे में कर्ज चुकाना भी मुश्किल है। प्रशासन को जल्द ही सर्वे कराकर किसानों को राहत देनी चाहिए। जिससे हमलोग अगली फसल के बारे में भी सोच सकें।
उज्जैन सिंह ठाकुर, किसान
अतिवृष्टि से फसल काफी बर्बाद हो गई है। यह समय किसानों के लिए विपदा के समान है। समय रहते सरकारी सहयोग नही मिला तो किसान और अधिक कर्ज लेने को मजबूर होगा।