पीडि़त आशा कार्यकर्ता जनकपुरी डेहरिया ने अब इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, महिला आयोजन और सचिव चिकित्सा विभाग से किया है। उनका कहना है कि आरोपी बीपीएम एक दशक से अधिक समय से छपारा में तैनात है। वह आर्थिक रूप से मजबूत है। ऐसे में वह जांच को प्रभावित कर सकता है। स्थानीय पुलिस पर भी कार्रवाई नहीं किए जाने का दबाव बना सकता है। प्रथम दृष्टया मय साक्ष्य के साथ उसके खिलाफ शिकायत किए जाने के बाद भी अब तक प्रकरण दर्ज नहीं हो पाया है। ऐसे में सीएमएचओ की बैठाई गई जांच टीम को भी वह प्रभावित कर सकता है।
पीडि़ता ने ‘पत्रिका’ को बताया कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो न्यायालय की शरण में जाएगी। उसका कहना है कि वह छह माह से मानसिक रूप से प्रताडि़त है। उधर इस मामले में पुलिस ने शिकायत की जांच किए जाने की बात कही है। सीएमएचओ ने जांच टीम बनाए जाने की बात कही है। अब देखना यह है कि पीडि़त को कब न्याय मिलता है।