Ayushman Yojana: केन्द्र सरकार ने आयुष्मान कार्ड योजना इस उद्देश्य से शुरू की थी कि इसके तहत गरीब लोगों को बीमारी में मुफ्त इलाज मिल सके। लेकिन मध्यप्रदेश में आयुष्मान योजना में इस तरह का खेला किया जा रहा है कि गरीब को तो इसका लाभ नहीं मिल रहा लेकिन बड़े-बड़े अस्पताल जरूर इससे लाखों करोड़ों रूपए कमाते नजर आ रहे हैं। मामला सिवनी जिले का है जहां एक बस में आयुष्मान कार्ड धारकों को भरकर जबलपुर के एक अस्पताल में ले जाया जा रहा था, इस बस को पुलिस ने पकड़ा है।
सिवनी जिले के छपारा थाना इलाके के खटकर सागर और लुडंगी गांव में मंगलवार की सुबह एक बस और कुछ लोग पहुंचे। इन लोगों ने गांव के उन लोगों को बस में बैठाना शुरू किया जिनके पास आयुष्मान कार्ड हैं। केवल आयुष्मान कार्ड वाले लोगों को चुनकर ले जाने की बात कुछ ग्रामीणों को खटकी, शक होने पर उन्होंने देखा कि बस में न तो स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी-कर्मचारी है और न ही ग्राम पंचायत का। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, पुलिस मौके पर पहुंची और बस को जब्त कर ड्राइवर को पकड़कर थाने ले गई।
शुरूआती पूछताछ में बस ड्राइवर अमजद खान ने बताया है कि उसके मालिक ने फोन कर कहा था कि लुड़गी गाव बस लेकर जाना है और वहां से लोगों को लाकर जबलपुर के अस्पताल में छोड़ना है इसलिए वो बस लेकर आया है। ये भी पता चला है कि कुछ दिन पहले गांव में एक निजी अस्पताल के पर्चे बांटे गए थे जिनमें अस्पताल में फ्री हेल्थ चेकअप की बात थी। लेकिन जब बस पहुंची तो उस अस्पताल का भी कोई स्टाफ मौजूद नहीं था।
सिवनी विधायक दिनेश राय तक जब ये मामला पहुंचा तो उन्होंने साफ साफ लफ्जों में कहा कि कुछ लोग गांव में आकर भोले-भाले लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए नि:शुल्क कैम्प लागने की बात कहकर जबलपुर ले जाते हैं, जिसमें पूरा चैकप करने और घर वापस भेजने की बात कही जाती है और वह लोग उन्हीं को ले जाते हैं जिनके पास आयुष्मान कार्ड होता है। उनके साथ ऑपरेशन की नौटंकी कर फोटो ग्राफी कर ईलाज के नाम पर लाखों रुपया निकालते हैं। यह गोरखधंधा पूरे सिवनी जिले में चल रहा है। जिससे सरकार के पैसों का दुरुपयोग किए जाने के साथ ही छले जा रहे व्यक्ति को भविष्य में बड़ी बीमारी अथवा दुर्घटना से चोटिल होने पर आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल पाएगा। विधायक ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात भी कही है।