सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व बरघाट परियोजना मंडल सिवनी के परिक्षेत्र पांडिया छपारा के बीट उगदि वाड़ा में बुधवार को क्षत विक्षत हालत में मिले तेंदुआ के मौत की गुत्थी सुलझ गई है। तेंदुआ ने अपने शावक को बचाने के लिए बाघ से संघर्ष करते हुए अपनी जान दी थी। गुरुवार को टीम को घटनास्थल के कुछ दूर परघसीटने के निशान मिले है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि तेंदुआ ने अपने शावक को बचाने के लिए बाघ से काफी संघर्ष किया और अंत में जंग हार गया। हालांकि बाघ से हुई जंग में तेंदुआ ने अपने शावक को बचा लिया। शावक ने चट्टान के बीच दरार में घुसकर अपनी जान बचा ली। हालांकि उसने अपनी मां को खो दिया। गुरुवार को पेंच टाइगर रिजर्व एवं डॉग स्क्वॉयड टीम घटनास्थल पर पहुंची। मृत तेंदुआ के आसपास की गंध सुंघकर डॉग सुंदर ने कुछ कहने का प्रयास किया। इसी दौरान ट्रैकिंग कार्य करते हुए घटनास्थल की थोड़ी दूर से चट्टानों की दरार के भीतर तेंदुआ शावक की आवाज आई। तेंदुआ शावक के रेस्क्यु करने के लिए पेंच टाइगर रिजर्व का रेस्क्यु दल मौके पर पहुंचा एवं शावक को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। शावक की आयु लगभग दो माह है।
इनका कहना है…
शावक को इलाज एवं देखरेख के लिए मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक, मध्य प्रदेश के निर्देश पर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल भेज दिया गया है। रजनीश कुमार सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी
शावक को इलाज एवं देखरेख के लिए मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक, मध्य प्रदेश के निर्देश पर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल भेज दिया गया है। रजनीश कुमार सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी