तो आईए जानते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह रही जो ग्रामीणों को इस तरह का कदम उठाना पड़ा। दरअसल इछावर विकासखंड को आष्टा विकासखंड से जोडऩे के लिए इछावर से कोठरी तक सडक़ बनी है। यह सडक़ रामनगर और मोलगा के बीच में उखडकऱ पूरी तरह बदहाल हो गई है। सडक़ इतनी बेकार है कि बड़े वाहन चलते नहीं बल्कि डोलते हैं, जबकि दो पहिया वाहन चालक गिरते,उठते हुए सफर करने मजबूर हैं। वर्तमान में स्थिति इतनी बेकार हो गई है कि पैदल चलना दुभर है। कभी अफसर तो कभी जनप्रतिनिधि के द्वार पहुंचकर ग्रामीणों ने सडक़ की दशा सुधारने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया
दो दिन से बैठे धरने पर
ग्र्रामीणों ने खराब सडक़ की तरफ जिम्मेदारों के लापरवाही दिखाने से गुरुवार से मोर्चा खोलते हुए धरना,प्रदर्शन शुरू किया है। शुक्रवार को ग्रामीण पास की ही पानी की टंकी पर चढ़ गए और जमकर अफसर,जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि यह अब अगला कदम उनका आंदोलन का होगा। उल्लेखनीय है कि यह समस्या लंबें समय से चली आ रही है।