पिछले कई समय से भोपाल-इंदौर हाइवे सड़क को वाहन चालकों ने पार्किंग जोन में तब्दील कर दिया है। ट्रक, लोडिंग वाहन चालक अपने वाहनों को हाइवे सड़क या फिर किनारे तक ही खड़ा करते हैं। ढाबों के सामने तो कतार तक देखी जा सकती है। इनकी वजह से यातायात प्रभावित होता ही साथ में हादसे होने की सबसे अधिक अशंका बनी रहती है। यह समस्या पिछले कई साल से चली आ रही है जिसका आज तक निराकरण नहीं हुआ है।
55 किमी एरिया में कई पाइंट
भोपाल इंदौर हाइवे पर मेहतवाड़ा सरहदी घाटी से अमलाहा के करीब 55 किमी के बीच कई मुख्य पाइंट हैं। यहां वाहन चालकों की जरा सी नजर हटी दुर्घटना घटी जैसी स्थिति बन रही है। इनमें जावर जोड़, रेकांडो जोड़, डोडी घाटी, पगारिया घाटी, बायपास चौपाटी आष्टा, जताखेड़ा जोड़ सहित अन्य जगह ऐसे पाइंट हैं जहां सबसे अधिक खतरा रहता है। इन जगहों पर हर कभी हादसे होना आम बात होता जा रहा है। यहां हादसे रोकने कोई इंतजाम नहीं किए हैं।
रोक के बाद जारी आवागमन
आष्टा शहर में कुछ समय पहले बड़े लोडिंग वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई थी। यह रोक सिर्फ नाम की रह गई है। वर्तमान में लोडिंग वाहन, ट्रक मुख्य बाजार या फिर सड़कोंं से निकलकर जाते हैं। ऐसे में सड़क से आवाजाही करने वाले लोगों की जरा सी नजर हटी दुर्घटना घटने में देर नहीं लगती है। उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले ही कॉलोनी चौराहे पर ट्रक चालक ने इंदिरा कॉलोनी निवासी साईकिल सवार व्यक्ति को रौंद दिया था। वही पिछले साल जनपद चौराहे पर सब्जी बेच रहे युवक पर ट्रक पलट गया था जिससे मौत हो गई थी। इस तरह के कई हादसे हुए हैं, लेकिन लापरवाही नहीं थमी है।