करबला पुल से एक ऑटो सीवन नदी में बह गया है। ये वही पुल है, जहां पिछले सप्ताह तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर और पटवारी महेन्द्र रजक कार सहित बहे गए थे। कस्बा हनुमान फाटक पुल के ऊपर से पानी निकल रहा है। कुलांस नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। बरखेड़ी क्षेत्र में कुलांस नदी किनारे के एक दर्जन से अधिक गांव में पानी भरा हुआ है। ढाबला में कुलांस नदी का पानी सड़क पर आने से रास्ता बंद हो गया है। नर्मदा का जल स्तर भी निरंतर बढ़ रहा है, इधर आष्टा में पार्वती नदी उफान पर है।
जिले में एक जून से अभी तक 1188.3 एमएम औसत बारिश दर्ज की गई है। वर्षा ऋतु में सामान्य औसत बर्षा 1148.4 एमएम है। जिले में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। पिछले साल इस समयावधि में महज 668.7 एमएम बारिश हुई थी। बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश श्यामपुर क्षेत्र में 135.0 एमएम रिकॉर्ड की गई है। बारिश से चौतरफा लोग परेशान हैं।
जिलेभर में करीब 50 गांव का संपर्क कटा है। १२ से ज्यादा गांव में पानी भर गया है। नर्मदा का जल स्तर अभी तो खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन बरगी डैम, तवा डैम, बारना डैम और कोलार डैम के गेट खुले हैं। इन बांधों की गेट खुले होने से नर्मदा के जलस्तर में वृद्धि की संभावना है।
कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने सभी तटवर्ती ग्रामों को अलर्ट व एनडीआरएफ की टीम शाहगंज, बुदनी, रेहटी, नसरूल्लागंज एवं गोपालपुर में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीम को जरूरत पडऩे पर सीहोर से तत्काल रवाना होने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। सभी पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक एवं कोटवार अपने ग्रामों में रहने एवं लगातार मुनादी कराने एवं किसी भी जल भराव, पुल पुलिया के ऊपर से पानी गुजरने पर मैसेज करने के निर्देश दिए हैं।
20 गांव का शहर से संपर्क कटा
आष्टा में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही तेज बारिश ने आष्टा क्षेत्र में पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। पार्वती नदी उफान आने से वार्ड क्रमांक एक पीली खदान के रहवासियों में भय की स्थिति निर्मित हो गई थी। दूसरी तरफ दरगाह के पास लगने वाला साप्ताहिक हाट बाजार और भोपाल नाका से दरगाह के बीच की सडक़ पानी से पूरी तरह डूब गई। पुराना बस स्टैंड पर पानी भराने से दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। पपनास नदी के रपटा, दुपाडिय़ा, मालीखेड़ी के अलावा अन्य जगह के पुल, पुलिया, रपटों पर पानी आने से 20 से ज्यादा गांव का सडक़ संपर्क टूट गया। जिन पुल, पुलिया पर ज्यादा पानी था वहां पुलिस, प्रशासनिक अफसरों ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया और लोगों को समझाईश देकर नदी, नाला के पास आए लोगों को वापस लौटाया। खजूरिया कासम बीच गांव से निकला नाला उफान आने से खतरे की स्थिति बन गई थी।
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