सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महेश उपाध्याय के मुताबिक मंगलवार को ग्रहण का सूतक होने के कारण मंदिर के पट बंद थे। वहीं नियमानुसार रात 8 बजे मंदिर के पट बंद हो जाते हैं। इसके बाद सभी लोग पहाड़ से नीचे आ जाते हैं। जब उमा भारती वहां पहुंची तो उन्होंने दर्शन की इच्छा जाहिर की। इस पर उन्हें मंदिर के नियमों की जानकारी दी गई। इसके बाद उन्होंने मंदिर प्रांगण में ही रुकने की इच्छा जाहिर की। तब ट्रस्ट के लोगों ने उन्हें बताया कि मंदिर वाली पहाड़ी पर रात को कोई नही रुकता। तब उमा भारती ने पास के ही शिव मंदिर में रात भर रुकने का मन बनाया। वो रात भर वहीं रुकी और सुबह माता के दर्शन किए।
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और फैल गई यह अफवाह
इस घटना के बाद इंटरनेट मीडिया पर अफवाह फैल गई कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रात में सलकनपुर पहुंचीं, पट बंद होने के बाद दर्शन नहीं होने पर शिव मंदिर परिसर में धरना देने पहुंच गईं। रातभर सलकनपुर में पुलिस प्रशासन व मंदिर समिति के पदाधिकारी भी मौजूद थे। सुबह उन्होंने मां विजयासन के दर्शन किए। इस मामले को लेकर ट्रस्ट अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने बताया कि उमा भारती परंपराओं को मानती हैं और धार्मिक नियम-कायदों का पूर्ण पालन करती हैं। उन्होंने यहां भी मंदिर के नियमों को पूरी श्रद्धा भाव से माना।