बताया जाता है कि मध्य प्रदेश के 2.5 लाख अध्यापकों में से 30 हजार अध्यापकों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं कुछ समय पहले ही शिक्षकों-अध्यापकों को ट्रांसफर ( teachers Transferred Policy ) के लिए ऑनलाइन आवेदन ( online application ) के लिए पोर्टल भी खोल दिया गया है। वहीं इसके बाद शिक्षा विभाग ने अपने यहां इसमें कुछ संशोधन किया है।
दरअसल सामने आ रही जानकारी के अनुसार स्कूलों के अध्यापकों कर्मचारियों की तबादला नीति ( Transfer Policy ) के तहत अब 12 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। जबकि इससे पहले इन्हें 5 जुलाई तक आवेदन की तिथि दी गई थी।
वहीं इसके बाद 22 जुलाई को शिक्षा विभाग ( education department ) के आर्डर के बाद सभी को ज्वाइन करना जरूरी होगा। वहीं बताया जाता है नौकरी ज्वाइन में देरी व लापरवाही करने वालों पर इस बार सख्ती की जा सकती है।
च्वॉइस फिलिंग का रहेगा विकल्प…
इसमें शिक्षकों और अध्यापकों के लिए च्वॉइस फिलिंग का विकल्प दिया गया। नई नीति के तहत ऑनलाइन ( teachers Transferred Policy ) प्रावधान करने से कई विधायकों को तगड़ा झटका लगा है।
वजह यह है कि कुछ विधायक यह प्रक्रिया ऑनलाइन करने के लिए जोर लगा रहे थे। इसके लिए वे स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से भी मिल चुके थे।
आवेदन का समय बढ़ाया…
वहीं अब शिक्षा विभाग के संशोधन के बाद शैक्षणिक अमला अध्यापक व कर्मचारी स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए 5 की जगह 12 जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे। यही नहीं नई जगह ज्वाइन करने के लिए भी समय बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।
जबकि पूर्व में आवेदन देने की तिथि 24 जून से 5 जुलाई तक थी। अब आवेदन देने के लिए अब 12 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है। इसी तरह स्थानांतरित जगह पर पहले 22 जुलाई आर्डर होने के बाद ज्वाइन करना जरूरी था। जबकि अब 29 जुलाई तक ज्वाइन किया जा सकेगा।
पोर्टल से जनरेट किए जाएंगे आदेश…
शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक अमले के अध्यापक व स्कूलों के कर्मचारी स्वैच्छिक एवं प्रशासकीय स्थानांतरण आदेश पोर्टल के माध्यम से जनरेट कर जारी किया जाना है।
इसके लिए अब 22 जुलाई तिथि तय की गई है। यह आदेश से सभी कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और सभी जिला अधिकारी को भेजे जा चुके हैं।
इसके पहले स्कूल शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी समेत कई अधिकारियों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस नीति के बारे में बातचीत की थी। इसके बाद रात में इस पर मुहर लग सकी।