जुनून कहे या पर्यावरण प्रेम… होमगार्ड जवानों ने नाली में बहते व्यर्थ पानी का सदुपयोग कर इस भीषण गर्मी में तीन हजार से अधिक पौधों को जीवनदान दे दिया। जवानों ने कतरा-कतरा पानी सहेजकर पौधों को पानी दिया। हरे-भरे और लहलहाते पेड़-पौधे अब खुद अपने जीवंत होने और फलने फूलने की कहानी बयां कर रहे हैं।
देशसेवा का जज्बा रखने वाले होमगार्ड जवान पर्यावरण प्रेमी भी हैं, यह बात इन्होंने साबित कर दी। दअरसल, पिछले दो सालों में होमगार्ड लाइन में जवानों ने आम, जामुन, कटहल, नीबू, अनार, जाम, सागौन, लिप्टिस सहित अन्य प्रजातियों के पांच हजार के करीब पौधे लगाए गए थे।
इन पौधों की देखरेख जवान के भरोसे ही थी, लेकिन पानी की समस्या के कारण पौधों के खत्म होने की नौबत आ बनी थी। यह चिंता होमगार्ड सैनिकों को सताने लगी। जैसे-तैसे बाल्टी और कुप्पी से यहां-वहां से पानी का इंतजाम कर पौधों में पानी डालने की व्यवस्था की, लेकिन पर्याप्त नहीं थी। नतीजतन पौधों पर खतरा मंडराने लगा। कम पानी के कारण पांच हजार पौधे सूखने की कगार पर आ गए।
व्यर्थ बहते पानी से दे दिया जीवनदान
होमगार्ड लाइन में लगाए पांच हजार पौधों में से दो हजार पौधे पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण सूख गए। पौधे सूखते जा रहे थे,यह चिंता जवानों को सताने लगी थी। इसके बाद पर्यावरण प्रेमी जवानों ने होमगार्ड लाइन के पीछे बहने वाले नाले के पानी को ही पौधों में डालना शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद यह नाला भी सूखने की कगार पर आ गया। इसके बाद जवानों की नजर होमगार्ड लाइन के पास से निकली जमोनिया लाइन से लीकेज होकर बहने वाले पानी पर पड़ी। यहां से निकलने वाला पानी जमीन ही सोख रही थी। इसी पानी को सहेजते हुए पौधे के पास नाली बनाकर पहुंचाना शुरू कर दिया।
जुगाड़ बनी कारगार
होमगार्ड सैनिकों ने बताया कि लीकेज होकर व्यर्थ बह रहे पानी की यह जुगत कारगर साबित हुई। नाली के सहारे पानी पौधों तक पहुंचने लगा। होमगार्ड लाइन के आसपास आए दिन अन्य लाइनें भी लीकेज होती रहती है। यह पानी सड़क पर या यहां-वहां बहकर बर्बाद हो जाता था। इस पानी को भी होमगार्ड जवानों ने सहेजना शुरू कर दिया। नालियां बनाकर यह पानी भी पौधों तक ले आए। इसी जुगत के चलते तीन हजार पौधे जीवत हो कर लहलहा रहे हैं।
बच्चों की तरह देखभाल
होमगार्ड लाइन में लगे अधिकतर फलदार पौधों की देखभाल एचसी चंदैरिया, बलवान सिंह, राजमल सेन, आनंद वर्मा, भीम सिंह वर्मा, धनराज विश्वकर्मा, तेज सिंह, मिश्रीलाल, बलवीर ठाकुर, बलवान सिंह, तेज सिंह सहित अन्य सैनिक करते है। सैनिकों ने बताया की हर समय हम मेें से कोई भी जवान पौधों की देखभाल में लगे रहते है। इन्हें बच्चों की तरह ही ध्यान रख रहे हैं।