साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने निएंडरथल मानवों की जिन हड्डियों की शोध के दौरान जांच की, वे 50 हजार साल पुरानी हैं। इन हड्डियों में मिले तीन वायरस इससे भी करीब 20 हजार साल पुराने हैं। यानी ये करीब 70 हजार साल पहले के हैं। इससे पहले साइबेरिया में एक प्राचीन मानव दांत में 31 हजार साल पुराना वायरस मिला था। ब्राजील के शोधकर्ताओं का कहना है कि निएंडरथल मानवों की हड्डियों में मिले वायरस सिक्वेंसिंग करते हुए एक डीएनए से दूसरे डीएनए में शिफ्ट होते चले गए।
इन बीमारियों के जनक शोध में बताया गया कि होमो सैपियंस के पूर्वज निएंडरथल मानव तीन तरह के वायरस एडिनो, हर्पिस और पैपिलोमा से संक्रमित हुए। आधुनिक काल में एडिनो वायरस कई तरह की बीमारियां पैदा करते हैं। इनमें फ्लू, जुकाम, गले में खराश और आंखों का लाल होना शामिल है। पैपिलोमा से सेक्सुअल बीमारियां, जबकि हर्पिस वायरस से कोल्ड सोरेस, चिकनपॉक्स जैसी बीमारियां फैलती हैं।
तब के मानवों का अंत शायद इन्हीं से हुआ… निएंडरथल मानवों में हर्पिस वायरस को देख कर लगता है कि उन्हें कोल्ड सोरेस हुआ होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन वायरसों से ही निएंडरथल मानवों का खात्मा हुआ होगा, क्योंकि उस समय इनका कोई इलाज नहीं था। निएंडरथल मानव करीब 40 हजार साल पहले खत्म हुए थे।