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विज्ञान और टेक्नोलॉजी

तापमान की जरूरत नहीं….प्रकाश से भी पानी का वाष्पीकरण संभव

बड़ी खोज: फोटोमोलेक्यूलर प्रभाव का पानी पर दिखा असर

Nov 06, 2023 / 01:15 am

ANUJ SHARMA

तापमान की जरूरत नहीं....प्रकाश से भी पानी का वाष्पीकरण संभव

तापमान की जरूरत नहीं….प्रकाश से भी पानी का वाष्पीकरण संभव

मैसाचुसेट्स (अमरीका). मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि प्रकाश से भी पानी का वाष्पीकरण संभव है। इसके लिए गर्मी (ताप) की आवश्यकता नहीं है। प्रकाश से पानी के वाष्पीकरण की गति पारंपरिक तरीके से तीन से चार गुना तेज हो सकती है।
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के वैज्ञानिकों ने एक शोध-पत्र में बताया कि हाल ही में शोधकर्ताओं ने पानी से भरे हाइड्रोजेल के एक कंटेनर को प्रकाश स्रोत की गर्मी से दूर रखा। कुछ समय बाद वाष्पीकरण के कारण इसके द्रव्यमान में कमी आ गई थी। इससे साफ है कि प्रकाश से भी पानी का वाष्पीकरण संभव है। खास बात यह थी कि इस दौरान जैसे-जैसे प्रकाश की तीव्रता बढ़ाई गई, वाष्पीकरण की गति भी बढ़ती गई। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह आश्चर्य की बात थी क्योंकि पानी स्वयं प्रकाश को अवशोषित नहीं करता है। ऐसे में साफ हो गया कि बिना तापीय ऊर्जा स्रोत के प्रकाश के कारण ही पानी वाष्पित हो रहा है। वैज्ञानिकों ने इस प्रभाव को फोटोमोलेक्यूलर प्रभाव की संज्ञा दी।
फोटोमोलेक्यूलर में क्या होता है
फोटोमोलेक्यूलर प्रकाश-प्रेरित वाष्पीकरण प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में प्रकाश के फोटॉन गर्मी के बिना पानी की सतह से पानी के अणुओं के समूहों को हटा सकते हैं। वहीं पारंपरिक रूप से माना जाता है कि वाष्पीकरण के लिए पानी के अणुओं के बंधन को तोडऩे के लिए गर्मी की आवश्यकता होती है।
यह हो सकते हैं फायदे
नए शोध का सबसे फायदा बादलों के निर्माण में मिल सकता है। इससे खाद्य प्रसंस्करण और दवा निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। इसका उपयोग नई शीतलन और तापन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए भी किया जा सकता है।

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