फोटोमोलेक्यूलर प्रकाश-प्रेरित वाष्पीकरण प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में प्रकाश के फोटॉन गर्मी के बिना पानी की सतह से पानी के अणुओं के समूहों को हटा सकते हैं। वहीं पारंपरिक रूप से माना जाता है कि वाष्पीकरण के लिए पानी के अणुओं के बंधन को तोडऩे के लिए गर्मी की आवश्यकता होती है।
नए शोध का सबसे फायदा बादलों के निर्माण में मिल सकता है। इससे खाद्य प्रसंस्करण और दवा निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। इसका उपयोग नई शीतलन और तापन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए भी किया जा सकता है।