चंद्र मिशन की सफलता के बाद चीन बना रहा मंगल फतह करने की योजना, अगले साल शुरू हो सकता है काम
शनि ग्रह के भीतर लगातार होता है कंपन
लोग अब तक इस तथ्य से अनजान थे, क्योंकि यह छल्ले में छिपा हुआ था। विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान के छात्र क्रिस्टोफर मैंकोविज ने छल्ले के भीतर की तरंग के पैटर्न का विश्लेषण किया। नतीजों में पाया गया कि खुद ग्रह के भीतर होने वाले कंपनी से उसमें उसी तरह की प्रतिक्रिया मिलती है, जिस प्रकार की प्रतिक्रिया भूकंप की माप के लिए सिस्मोमीटर में मिलती है। शनि ग्रह के भीतर लगातार कंपन होता है, जिससे उसके गुरुत्वाकर्षण में बदलाव होता है। छल्ले से उस गति का पता चलता है।
इस यान से मंगल ग्रह पर पहुंचना होगा आसान, इलन मस्क ने उठाया तस्वीरों से पर्दा
एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है यह शोध
मैंकोविच ने बताया, “छल्ले में किसी खास स्थान पर यह दोलन छल्ले के कण को आकर्षित करता है, जिससे कक्षा में सही समय पर ऊर्जा का निर्माण होता है।” मैंकोविच का यह शोध एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में शनि ग्रह के आंतरिक मॉडल के बारे में बताया गया, जो छल्ले के तरंग की तरह है। इससे उनको ग्रह की आंतरिक गतिविधि और घूर्णन के बारे में पता चला है।