226 किमी चौड़ा है 16 साइकी
इस क्षुद्रग्रह पर लगातार नजर रखने वाली दक्षिण पश्चिम अनुसंधान संस्थान की ग्रह वैज्ञानिक डॉ. ट्रेसी बेकर इसके बारे में कई नई जानकारी प्रदान करती हैं। उनके शोध के आधार पर, सौरमंडल में परिक्रमा करने वाले अधिकांश क्षुद्रग्रहों के विपरीत, ‘116 साइकी’ आकार में लगभग 140 मील या 226 किलोमीटर चौड़ा (equal size of American State Virginia) है। यह पृथ्वी से करीब 370 मिलियन किलोमीटर (roughly 230 million miles) की दूरी पर स्थित है। इतना ही नहीं इसकी ज्यादातर सतह चट्टानों, मिट्टी खनिजों और गैस की बजाय ठोस धातुओं से बनी है जो इसे अन्य क्षुद्रग्रहों से अलग करती है। इस क्षुद्रग्रह की सघनता और धात्विक संरचना को देखकर डॉ. ट्रेसी बेकर का अनुमान है कि यह किसी प्राचीन ग्रह या तारे का कोर हो सकता है। इसे वैज्ञानिक ‘प्रोटोप्लेनेट’ कहते हैं।
ऐसे हुआ होगा इस क्षुद्रग्रह का निर्माण
बेकर का कहना है कि सौरमंडल में हमने ऐसे हजारों क्षुद्रग्रह और उल्कापिंड देखे हैं, जो ज्यादातर धातु के हैं, लेकिन16 साइकी इन सबमें सबसे अनोखा है क्योंकि यह पहला ऐसा क्षुद्रग्रह हो सकता है जो पूरी तरह से gold, लोहे और निकल से बना हो। उनका कहना है कि जैसे पृथ्वह की संरचना ठोस धातु से बने कोर, एक मेंटल और क्रस्ट से हुई है। यह संभव है कि 16 साइकी प्रोटोप्लेनेट के बनने के समय हमारे सौर मंडल में किसी अन्य ऑब्जेक्ट से टकरा गया होगा जिससे इसके मेंटल और क्रस्ट नष्ट हो गए।
सौरमंडल का सबसे महंगा क्षुद्रग्रह
यह अपने प्रचुर मात्रा में मौजूद शुद्ध लोहे और निकल के भंडार के कारण सौरमंडल का सबसे महंगा क्षुद्रग्रह है। फोब्र्स पत्रिका का अनुमान है कि इस क्षुद्रग्रह पर पाए जाने वाली सभी धातुओं की कुल कीमत करीब 10 हजार क्वाड्रिलियन हो सकती हैं। इसे ऐसे समझें कि यह मूल्य इतना है कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के मूल्य से भी कई हजार गुना अधिक है। 2019 तक पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था लगभग 140 ट्रिलियन डॉलर थी।
नासा का 16 साइकी को खोजने का मिशन
दुनिया का कोई भी खगोलविज्ञानी और अंतरिक्ष एजेंसी इस रहस्यमयी क्षुद्रग्रह 16 साइकी की वास्तविक लोकेशन के बारे में सटीक विवरण नहीं जानता है। इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने एक अंतरिक्ष परियोजना तैयार की है। इसके तहत नासा सौरमंडल की मुख्य एस्ट्रॉएड बेल्ट में इसकी संभावित लोकेशन को खोजने का प्रयास करेंगे और ढूंढने के बाद इसके और करीब जाना है ताकि आकार, स्थिति और संभावित खतरों का अंदाजा लगाकर नासा अपना कोई यान या रोबोटिक प्रोब इस पर उतार सके। इसके लिए नासा ने एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी के साथ साझेदारी की है। अंतरिक्ष एजेंसी ने स्पेसएक्स के साथ मिलकर अगस्त, 2022 में एक रॉकेट लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर दी है जो जनवरी, 2026 में 16 साइकी पर पहुंचेगा। यह यान कम से कम 21 महीने की अवधि के दौरान इसकी की कक्षा में मैपिंग और क्षुद्रग्रह के गुणों का अध्ययन शुरू करेगा।