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जानकारी के अनुसार, केपलर टेलिस्कोप को 2009 में लॉन्च किए जाने के बाद हजारों एक्सोप्लेनेट यानी की सौरमंडल के बाहर के ग्रहों की खोज की गई है। सौरमंडल में ग्रह जब भी अपने तारे के सामने से निकलता है तो उसके तारे पर उसकी छाया दिखने लगती है और केपलर में भी इसी छाया के दिखने पर ग्रह के होने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन इसे साबित करने के लिए अभी और ज्यादा विश्लेषण की जरूरत है।
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इस मामले पर अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने द्वीट पर जानकारी दी है जिसमें उन्होंने कहा है कि केपलर टेलिस्कोप ने (केपलर-1658 बी) ग्रह की खोज की है और वैज्ञानिक ने भी इसकी पुष्टि की है। केपलर द्वारा 2011 में खोजे गए इस ग्रह केपलर-1658 बी की पुष्टि में शोधकर्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि इससे जुड़े अनुसंधानकर्ता कहते थे कि यह ग्रह सूर्य से 60 गुना ज्यादा बड़ा मालूम होता है।