ISRO की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में इनसैट प्रणाली घरेलू संचार उपग्रहों की सबसे बड़ी श्रृंखला बन चुकी है। इनसैट श्रृंखला के ये उपग्रह च्एसज् बैंड, च्सीज् बैंड, विस्तारित च्सीज् बैंड और केयूज्बैंडविड्थ में फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इनसे बड़े पैमाने पर सामाजिक एवं वाणिज्यिक उपक्रमों को लाभ मिल रहा है। इनसैट और जीसैट श्रृंखला के उपग्रह टेली-मेडिसिन और टेली-एज्यूकेशन के साथ-साथ वाणिज्यिक परिचालन क्षमता भी बढ़ाए हैं। च्सीज् बैंड ट्रांसपोंडरों के जरिए वीडियो प्रसारण (टीवी) सेवाएं, च्केयूज् बैंड ट्रांसपोंडरों के जरिए डाइरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवाएं, च्सीज् और च्केयूज् बैंड के जरिए डिजिटल उपग्रह समाचार संग्रहण (डीएसएनजी) सेवाएं जबकि वेरी लार्ज अपर्चर टर्मिनल (वीसैट) सेवाओं को लिए विस्तारित च्सीज् एवं च्केयूज् बैंड ट्रांसपोंडरों को उपयोग में लाया जा रहा है। वहीं सार्वजनिक रूप से या निजी अथवा सरकारी उपक्रमों में मोबाइल संचार सेवाएं च्एसज् बैंड पर आधारित होती हैं।
बड़े पैमाने पर इन सेवाओं की मांग को देखते हुए देश में बड़ी संख्या में ट्रांसपोंडरों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। पिछले कई वर्षों से भारत ने इन सेवाओं के लिए विदेशी एजेंसियों से ट्रांसपोंडर लीज पर लिया था लेकिन अब लीज पर लिए ट्रांसपोंडरों की संख्या कम होती जा रही है। इनसैट श्रंृखला उपग्रहों की बदौलत देश की ट्रांसपोंडर क्षमता 290 से अधिक हो चुकी है फिर भी डीटीएच एवं वीसैट सेवाओं के लिए एंट्रिक्स ने च्सीज् बैंड, च्केयूज् बैंड और च्केए-केयूज् बैंड के कुछ ट्रांसपोंडर लीज पर ले रखा है। हाल ही में जीएसएलवी मार्क-3 से भेजे गए
संचार उपग्रह जीसैट-19 आने वाले दिनों में उपग्रह इंटरनेट सेवाओं की रफ्तार बढ़ाने में मदद करेगा। इस उपग्रह में च्केएज् और च्केयूज् बैंड संचार ट्रांसपोंडर लगे हैं। इससे दो-तरफा संचार, समुद्री संचार और उड़ान के दौरान भी संचार संभव हुआ है।
यह मल्टिपल स्पॉट बीम यानी उच्च फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाला एक विशेष ट्रांसपोंडर है जो इंटरनेट सेवाओं की गति और कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। आने वाले दिनों में जीसैट-11 उपग्रह के प्रक्षेपण की योजना बनाई गई है जिसमें 32 यूजर बीम च्केयूज् बैंड में और 8 हब बीम च्केएज् बैंड में हैं। यह उपग्रह 15 साल के मिशन पर भेजा जाएगा जो इंटरनेट सेवाओं को 10 जीबीपीएस की रफ्तार देगा।
इन उपग्रहों का होगा प्रक्षेपण
इसरो ने कहा है कि इनसैट श्रृंखला के उपग्रहों को बढ़ाने के लिए भविष्य में जीसैट-11 के अलावा जीसैट-22, जीसैट-23, जीसैट-24 और जीसैट-20 के प्रक्षेपण की योजना है।
ये हैं इनसैट श्रृंखला के ऑपरेशनल उपग्रह
इनसैट-3 सी, इनसैट-4 ए, इनसैट-4बी, इनसैट-4सीआर, जीसैट-8 , जीसैट-12, जीसैट-10, जीसैट-6 , जीसैट-7, जीसैट-14, जीसैट-15, जीसैट-16 , जीसैट-18 ,जीसैट-17 और जीसैट-19 ऑपरेशनल हैं।