मैक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट के मानव विकास विभाग के निदेशक जीन-जैक्स हुब्लिन के अनुसार- ‘तिब्बत पर्वतीय क्षेत्र में करीब 3,300 मीटर की ऊंचाई पर 1,60,000 साल पुराने पहले डेनिसोवन्स के अवशेषों का मिलना अचंभित करने वाली बात है। अवशेष इतने पुराने होने के कारण इनका डीएनए प्राप्त नहीं हो पाया है।
इस अवशेष के अध्ययन से वैज्ञानिकों ने पाया कि यह अवशेष दक्षिण के साइबेरिया के बाहरी इलाके में मिले डेनिसोवन मानव प्रजाती जैसे हैं, जो दिखनें में हम लोगों जैसे थे। इन्हें कोई 1 लाख 60 हजार साल पुराने माना जाता है। इस अवशेष से आदिमानव के रहन-सहन के बारे में चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई।
वैज्ञानिकों के अनुसार इस अवशेष से यह बात समझने में मदद मिलेगी कि आखिर आदिमानव की डेनिसोवन्स प्रजाति ने ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में जीने के लिए खुद को कैसे अनुकूल किया। बता दें कि डेनिसोवन्स या डेनिसोवा होमिनिंस विलुप्त हो चुकी प्रजाति या जीन्स है।
मैक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट के मानव विकास विभाग के निदेशक जीन-जैक्स हुब्लिन के अनुसार- ‘तिब्बत पर्वतीय क्षेत्र में करीब 3,300 मीटर की ऊंचाई पर 1,60,000 साल पुराने पहले डेनिसोवन्स के अवशेषों का मिलना अचंभित करने वाली बात है। अवशेष इतने पुराने होने के कारण इनका डीएनए प्राप्त नहीं हो पाया है। इसके बावजूद हुबलिन और उनकी टीम ने इस जबड़े के एक दांत पर आधुनिक प्रोटीन विश्लेषण का इस्तेमाल कर इसे आनुवंशिक रूप से साइबेरिया में पाए गए डेनिसोवन प्रजातियों से जोड़ा।