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11वीं में पढ़ने वाली एक लड़की ने सुझाया था ये नाम
अमेरिकी वैज्ञानिक क्लाइड टॉमबा ने इस ग्रह का नाम रखने के लिए दुनिया भर के लोगों से सुझाव मांगा था। जिसके बाद 11वीं में पढ़ने वाली एक लड़की ने इसे प्लूटो नाम दिया। इस नाम के पीछे उसका तर्क था कि रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो कहते हैं और इस ग्रह पर भी हमेशा अंधेरा रहता है, इसलिए इसका नाम प्लूटो रखा जाए। बात दें कि, प्लूटो को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 248 साल लग जाते हैं।
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सौरमंडल का माना जाता था नौवां ग्रह
1930 में अमेरिकी वैज्ञानिक क्लाइड टॉमबा द्वारा खोजे गए इस प्लूटो ग्रह को लंबे वक्त तक हमारे सौरमंडल का नौवां ग्रह माना गया, लेकिन बाद में साल 2006 में इससे ग्रह का दर्जा वापस ले लिया गया। इस प्रकार से यह यह ग्रह अपनी खोज के 88 साल पूरा कर चुका है।