मुख्य बाजार में दुकानों पर गुड़ और तिल समेत मूंगफली से बनी गजक के काउंटर महकने लगे है। जबकि सड़क किनारे शाम को मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही गजक, रेवड़ी और मूंगफली के ठेले कतार से खड़े दिखने लगे है। ऐसे ठेले एक-दो नहीं बल्कि दर्जनभर ठेलों के काउंटर लगे है। गुड़ गजक, गुड़ व तिल के लड्डू, गजक चक्की एवं मूंगफली की गजक की मांग भी अधिक है। गुड शक्कर की गजक आदि के पैकेट की भी बाजार में बिक्री हो रही है। दुकानों पर हर जगह ठेलों पर सर्दी में गुड़ के उत्पादों की अच्छी बिक्री हो रही है। आमतौर पर हाथ से कूट कर गुड़ तेल की गजक अधिक पसंद की जा रही है।
सर्दी में मावे का काम करती है गजक
यूं तो तिल गुड़ से बनी गजक का चलन वर्षों पुराना है, लेकिन बदलते जमाने के साथ गजक बनाने का तरीका और वैरायटी में भी अंतर आया है। पहले गजक के रूप में तिल्ली की रेवड़ियां, गुड़ व शक्कर की गजक का चलन ज्यादा था। आधुनिकता के जमाने में अब मावा, मूंगफली, घी और काजू से बनी गजक लोगों की पहली पसंद बन गई है। ठंड भगाने के लिए गजक उपयोगी मानी जाती है। जानकारों के अुनसार गुड़ की गजक को दूध के साथ खाने से ठंड का प्रभाव कम हो जाता है। ठंड के मौसम में तिल्ली की गजक मावे का काम करती है।
पांच दर्जन से अधिक हैं दुकानें व ठेले
दुकानदार महेन्द्र व सुनील ने बताया कि जिला मुख्यालय पर शहर, बजरिया, हाऊसिंग बोर्ड, आलनपुर क्षेत्र में करीब 60 से अधिक गजक की दुकानें व ठेले संचालित है। गजक के भाव पिछले साल जैसे ही है। इस बार भावों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। इन दिनों किराना, जनरल स्टोर्स, होटल, मिल्क पार्लर सहित ठेलों पर कई तरह की गजक बिक रही है।
ये हैं गजक और उनके भाव (प्रति किलो)
गजक गोल टिक्की- 280 रुपए
स्पेशल देशी घी काजू गजक -280 रुपए
मूंगफली गजक -160 रुपए
गुड रेवड़ी -200 रुपए
चीनी गजक -240 रुपए
गुड रोल गजक – 240 रुपए
गुड पट्टी गजक -240 रुपए
तिल पट्टी गजक – 280 रुपए