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सतना

तेंदूपत्ता श्रमिकों को 2016 से नहीं मिला बोनस, अब 31 मई को CM के हाथों देने का दावा

सीएम के कार्यक्रम के लिए श्रमिकों को नहीं बांटा बोनस, 31 हजार कार्डधारी संग्राहकों को 8 करोड़ का इंतजार, वन विभाग का दावा

सतनाMay 28, 2018 / 11:30 am

suresh mishra

tendu patta Sangrahak Sammelan news in satna

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विनय गौतम @ सतना। साल 2017 में जिले के जंगलों से लक्ष्य से ज्यादा व इस साल करीब 80 फीसदी तेंदूपत्ता तोड़ चुके श्रमिकों (संग्रहकों) को वर्ष 2016 के बोनस का इंतजार है। वन विभाग की लापरवाही से बोनस की राशि अब तक संग्राहकों के खाते में नहीं पहुंच सकी है। बताया गया कि लम्बे इंतजार के बाद फरवरी के पहले सप्ताह में शासन ने 8 करोड़ रुपए की राशि जिले के लिए जारी की थी, लेकिन तीन माह गुजरने के बाद भी संग्राहकों को बोनस के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं मिली।
विभाग के अधिकारी अब कह रहे हैं कि 31 मई को जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन में खुद मुख्यमंत्री बोनस वितरण की शुरुआत करेंगे। इसके बाद एक-एक हितग्राही के खाते में उसका अंश लाभ डाल दिया जाएगा। सम्मेलन में मुख्यमंत्री तेंदूपत्ता श्रमिकों को जूते, पानी बॉटल, साड़ी व बोनस वितरित करेंगे।
42 समितियां करेंगी भुगतान
सतना वन मंडल के 10 वन परिक्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम 42 वनोपज समितियां करती हैं। इनका तेंदूपत्ता संग्रहण, भंडारण और विक्रय का काम जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन संभालती हैं। बोनस बांटने का काम चलता रहता है। जैसे ही शासन द्वारा राशि जारी की जाती है समितियों के माध्यम से संग्राहकों को भुगतान कर दिया जाता है। समितियों चित्रकूट, पालदेव, पथरा, चौरहा, नकैला, झरी, मझगवां, कैलाशपुर, बिरसिंहपुर, सज्जनपुर, रामगढ़, जिगना, लदबद, रामनगर, गौहानी, देवराजनगर, गोरसरी, अमिलिया, बड़ा इटमा, अमरपाटन, लटागांव, आमातारा, रिवारा, बदेरा, घुनवारा, अमदरा, पकरिया, सभागंज, भदनपुर, कन्हवारा, पोड़ी, उचेहरा, परसमनिया, पहाड़ी, रहिकवारा, शिवराजपुर, सिंहपुर, कोठी, महतैन, कौहारी, पाथर कछार, व बरौंधा में रिकार्ड एक लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण के बाद भी इनके संग्राहकों को बोनस के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ा।
सम्मेलन में वन अमले की हड़ताल की काली छाया!
इधर, रेंजर स्तर के अधिकारियों से लेकर वन प्रहरियों तक के हड़ताल पर चले जाने से वन विभाग में हड़कम्प मचा है। वन विभाग के आला अधिकारियों की चिंता ३१ मई को जिला मुख्यालय पर होने वाले सतना व कटनी जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों के सम्मेलन को लेकर है। कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संग्राहकों को चरण पादुका योजना के तहत जूते, पानी बॉटल, साड़ी व बोनस का वितरण करने आ रहे हैं। विभाग को आशंका है कि यदि वन अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल की काली छाया आयोजन पर पड़ी तो कार्यक्रम कहीं फ्लॉप न हो जाए। वन मंडल के करीब ढाई सौ कर्मियों के 24 मई से हड़ताल पर जाने के बाद से सम्मेलन को लेकर आला अधिकारी पूरी तरह से वनोपज यूनियन समितियों पर निर्भर हो गए हैं। समिति के पदाधिकारियों को हितग्राहियों को आयोजन स्थल पर लाने की जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले हड़ताल खत्म हो जाएगी। इसके बाद आयोजन को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि वन विभाग के लिए राहत भरी खबर यह है कि आयोजन को लेकर जिला प्रशासन पूरी ताकत झोंक रहा है। सूत्रों के अनुसार हड़ताल के चलते संग्राहकों को चरण पादुका योजना की सामग्री व बोनस वितरण में देरी होगी। आला अधिकारियों उम्मीद है कि 29 मई के पहले धरना-प्रदर्शन बंद हो जाएगा। बताया गया कि हड़ताल के पहले दिन मैहर में वन मंत्री ने हड़ताली कर्मियों को हड़ताल बंद कर काम पर लौटने की अपील की थी लेकिन वे नहीं माने।
हर साल होता है विलम्ब
जिले के 31846 कार्डधारी संग्राहकों के लिए 8 करोड़ रुपए की राशि बतौर बोनस फरवरी में जारी करने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी संग्राहकों को बोनस बांट दिया जाएगा। लेकिन तीन माह तक राशि को खाते में नहीं डाला गया। बोनस वितरण में वन विभाग द्वारा हर साल इसी तरह विलम्ब किया जाता है। जानकारों के मुताबिक बीते साल जिले में रेकार्ड एक लाख 7 सौ 45 बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित किया गया था जो 91 लाख 671 मानक बोरे के रूप में गोदामों में पहुंचाया गया। संग्रहण वर्ष 2016 के बकाया बोनस का इंतजार कर रहे संग्राहकों को उम्मीद है कि 2017 में बोनस की राशि में इजाफा होगा। मझगवां, बरौंधा व चित्रकूट रेज में जहां तेंदुपत्ते की सर्वाधित तुड़ाई की जाती है वहां के संग्राहकों को बोनस का सबसे ज्यादा लाभ मिलता है।
हितग्राहियों को बोनस का भुगतान ऑनलाइन करना है। 27 को वितरण होना था फिर संग्राहक सम्मेलन का कार्यक्रम तय हो गया। 31 मई को सीएम वितरण की शुरुआत करेंगे। उसके बाद सभी के खाते में राशि डाल दी जाएगी।
राजीव मिश्रा, डीएफओ

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