जिले में योजना के आगाज होने के करीब आठ माह गुजर जाने के बाद भी यहां के वनोपज श्रमिकों (संग्राहकों) को जूते, बॉटल व साड़ी नहीं मिली। हैरत की बात यह है कि जिले में 14 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर रेंज में 50 फीसदी तक तेंदूपत्ता की तुड़ाई हो चुकी है। योजना के हितग्राहियों को 31 मई के बाद जूते, बॉटल व साड़ी दी जाएगी।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया, जिले के सभी रेंजों में मार्च में ही हितग्राहियों का सर्वे कर उनके पैरों की नाप सहित अन्य रिकार्ड वन मंडल सतना भेज दिए गए थे। इसके बाद लघु उद्योग निगम को फाइल भेजी गई थी। वन मंडल को जूते व बॉटल की खेप मिल चुकी है लेकिन महिला संग्राहकों की साड़ी अभी तक नहीं पहुंची। विभाग चाहता तो तेंदूपत्ता संग्रहण के पहले संग्राहकों को जूते व पानी की बॉटल वितरित कर सकता था।
लेकिन विभाग मुख्यमंत्री के सतना आगमन का इंतजार करता रहा। इसके चलते संग्राहक बिना सामग्री संग्रहण कार्य करने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 31 मई को सतना आ रहे हैं। उस दिन तेंदूपत्ता संग्राहकों के सम्मेलन में कुछ हितग्राहियों को सीएम खुद योजना की सामग्री वितरित करेंगे व बाकी श्रमिकों को रेंज के माध्यम से जूते, बॉटल व साड़ी उपलब्ध कराई जाएगी।
वन विभाग के अधिकारियों द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों की बनाई गई सूची में 80 हजार हितग्राहियों के नाम शामिल है। संख्या के अनुसार विभाग ने लघु उद्योग निगम के पास 80 हजार जोड़ी जूते-चप्पल व पानी की बोतलें मंगाई गई हैं। योजना के तहत महिला श्रमिकों के लिए 40 हजार नग साडि़यों की मांग भी की गई है लेकिन अब तक इसकी खेप नहीं मिली। उप वन मंडलाधिकारी धीरेंद्र सिंह ने बताया कि 31 मई के पहले विभाग को साडि़यां मिल जाएंगी।
– 10 वन रेंज जिले में
– 42 वनोपज समितियां
– 80 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक
– 40 हजार महिला श्रमिक
– 40 हजार पुरुष श्रमिक 31 मई को तेंदूपत्ता संग्राहकों का सम्मेलन प्रस्तावित है। इसमें मुख्यमंत्री मौके पर कुछ हितग्राहियों को योजना का लाभ देंगे। इसके बाद सभी संग्राहकों को सामग्री वितरित कर दी जाएगी।
धीरेंद्र सिंह, उप वनमंडलाधिकारी