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सतना

केंद्रीय जेल में फिर कैदी की मौत

– परिस्थितियां संदिग्ध, जेल प्रबंधन का दावा बीमारी से हुई मौत- तीन डॉक्टरों की टीम ने किया पीएम
– न्यायिक जांच के आदेश

सतनाJun 12, 2019 / 11:08 pm

Bharat bhushan Shrivastav

satna - central jail

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सतना. केंद्रीय जेल सतना में कैदियों की मौत का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात संदिग्ध परिस्थितियों में एक कैदी की मौत हो गई है। वहीं जेल प्रबंधन मौत के पीछे बीमारी वजह बता रहा है। तीन डॉक्टरों की टीम ने बुधवार दोपहर पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। उल्लेखनीय है, विगत डेढ़ माह के दौरान तीन कैदियों की मौत हो चुकी है। इनमें से दो कैदियों ने जेल के अंदर आत्महत्या की है।
बताया जाता है कि कैदी राजाराम कुशवाहा पिता सुलोचन कुशवाहा बरौंधा थाना के भंवर गांव का रहने वाला था। हत्या व अपहरण के अलग-अलग मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। इसमें 1 जून 2008 को केंद्रीय जेल सतना भेजा गया था। तब से वह सतना जेल में बंद था। मंगलवार शाम उसकी अचानक तबीतय खराब हुई और गश्त खाकर गिर गया। उसे आनन-फानन में जेल अस्पताल ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल भेज दिया गया। उपचार के दौरान रात करीब 2.30 बजे उसकी मौत हो गई। जेल प्रबंधन ने पुलिस व परिजनों को सूचना दी और शव को मर्चुरी में रखवा दिया। दोपहर करीब 12 बजे परिजनों की उपस्थिति में तीन डॉक्टरों की टीम ने पीएम किया। टीम में डॉ. प्रमोद पाठक, डॉ. आरएन सोनी व डॉ. अभिनव चौरसिया शामिल रहे।
एक पखवाड़े में दो चचेरे भाइयों की मौत
यह पूरा मामला संदिग्ध बना है। कारण यह है कि एक पखवाड़े के अंदर दो चचेरे भाइयों की मौत जेल में हुई। भंवर गांव निवासी अनिल कुशवाहा व राजाराम कुशवाहा चचेरे भाई थे। अलग-अलग मामलों में दोनों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। अनिल कुशवाहा ने 1 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली तो बुधवार रात राजाराम की तबीयत खराब होने से मौत हो गई। जेल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि सतना जेल में करीब 1500 कैदी हैं। एक पखवाड़े में चचेरे भाइयों की ही मौत क्यों हुई? इसमें कोई षडय़ंत्र तो नहीं है।
इधर पानी प्रताडऩा का आरोप

वहीं जेल प्रबंधन पर कैदियों को पानी के नाम पर प्रताडि़त करने का आरोप लग रहा है। सूत्रों की माने तो जेल में कैदियों को 24 घंटे के लिए 4-8 लीटर पानी दिया जा रहा है। जिसमें दिनभर की दिनचर्या को पूरा करना होता है। जिससे कैदियों की स्थिति खराब है, उनकी तबीयत खराब हो रही है। विगत एक सप्ताह के अंदर आधा दर्जन कैदी जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं। जिन्हें डि-हाइड्रेशन, ताप, पेट की समस्या जैसी गंभीर बीमारी बनी है।
विवादों में जेल
इन दिनों केंद्रीय जेल लगातार सुर्खियों में है। डेढ़ माह के अंदर तीन कैदियों की मौत हो चुकी है। इसमें दो कैदियों ने आत्महत्या की है। वहीं जेलर बद्री विशाल शुक्ला ने बिना कोर्ट अनुमति एक कैदी को दो दिन तक जेल से बाहर रखा। जेलर के निज निवास पर कैदी सामान लेकर जाते हैं, इसका वीडियो वॉयरल हो चुका है। जेल के अंदर मोबाइल पहुंच चुका है। अब कैदी की मौत ने फिर सवाल खड़ा कर दिया है।
मंगलवार शाम को कैदी की तबीयत खराब हुई। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। वह केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
एनपी सिंह, जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल सतना

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