जिला अस्पताल आइसीयू, एसएनसीयू, पीआइसीयू, एचडीयू सहित अन्य इकाइयों में 50 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन लगी थी। एकाएक सप्लाई प्रभावित होने से उनकी सांसें अटकने लगीं। सभी गहन चिकित्सा इकाइयों में अफरातफरी का माहौल बन गया। गनीमत रही कि समय रहते स्टाफ ने दूसरे तरीके से सप्लाई शुरू कर दी वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
मेंटेनेंस कराया
अस्पताल के सभी वार्डों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई होती है। यहां 220 बेड ऑक्सीजन सर्पोंटेड हैं। लाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद मेटेंनेंस शुरू कराया। सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई बंद रही।
प्रबंधन की लापरवाही
जिला अस्पताल में चोरी का यह पहला मामला नहीं है। बंदूकधारी सुरक्षा कर्मी और सीसीटीवी होने के बाद भी चोरी की लगातार वारदात हो रही हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन गंभीरता से नहीं ले रहा है। नतीजा यह हुआ कि गुरुवार को मरीजों की जान का संकट में पड़ गई।
ड्यूटी लगाई जाएगी
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ सुनील कारखुर ने बताया कि पहली प्राथमिकता लाइन की मरम्मत थी। एफआइआर दर्ज कराएंगे। इलेक्ट्रिक और सुरक्षा कर्मियों की 8-8 घंटे लाइन की निगरानी करने ड्यूटी लगाई जाएगी। .
केस दर्ज कराएंगे
सीएमएचओ डॉ एलके तिवारी ने कहा कि ये गंभीर मामला है। मैं तीन घंटे अस्पताल में रहा, किसी ने सूचना नहीं दी। आरएमओ को केस दर्ज कराने पत्र लिखेंगे। सुरक्षा व्यवस्था देखने वाली ठेका कंपनी को नोटिस भी जारी करेंगे।