कांग्रेस से नए चेहरे धर्मेश घई हैं। भाजपा ने 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे श्रीकांत चतुर्वेदी पर दांव लगाया है। सिंधिया भाजपा की ओर से सभा कर चुके हैं। अब देखना है कि पांच साल प्रदेश की सियासत में सुर्खियां बटोरने वाले नारायण त्रिपाठी अपनी प्रतिष्ठा बचा पाते हैं या भाजपा फिर जीत सुनिश्चित करेगी या कांग्रेस इस सीट को अपने हाथ में लेकर आएगी। कुल मिलाकर यहां श्रेय की सियासत में चेहरे की लड़ाई चल रही है। विधानसभा क्षेत्र में ये लड़ाई कैसी चल रही है, इस बारे में भी हम आपको बता रहे हैं।
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विधानसभा में मुद्दों की भरमार
मैहर विधानसभा सीट पर मुद्दों की भरमार है। जनता जलसंकट, सुरक्षा व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी और खाद बीज न मिलने की बात करती है। जबकि, नेता मैहर को जिला बनाने का श्रेय लेने जनता के बीच जा रहे हैं। प्रचार-प्रसार में मुद्दों पर बात बाद में मैहर को जिला बनाने में श्रेय की बात पहले होती है।
– धनतेरस की खरीदी करने आए धतूरा गांव के राजेश प्रजापति कहते हैं नदी सूख गई है। एक हैंडपंप है। उसी से पूरे गांव को पानी मिल रहा। फरवरी से जलसंकट गहरा जाता है।
– वार्ड एक अंधरा टोला के अमरज्योति ने भी पेयजल की समस्या स्वीकारी।
– घोरबई गांव के कंधीलाल बताते हैं इस बार सूखे की चपेट में आ गए है। फसल का सर्वे नहीं हुआ, मुआवजा दूर की बात है। परिवार पालने के लिए मजदूरी करने यहां आते हैं।
– विष्णुपुर के रोहित ने बताया कि विकास के नाम पर सिर्फ मैहर जिला बना है।
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विधानसभा के प्रमुख मुद्दे
– भाजपा की ओर से: कांग्रेस जिला बनाने में पीछे हटती रही। कांग्रेस के शासन काल में पहले न पेंशन मिलती थी और न महिलाओं को सम्मान।
– कांग्रेस की ओर से: कांग्रेस ने 2020 में ही जिला बनाने की पहल कर दी थी। बेटियां, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। कांग्रेस नारी सम्मान में 1500 रुपए देगी।
– विंध्य जनता पार्टी की ओर से: अब विंध्य प्रदेश के लिए लड़ाई तेज होगी। सीमेंट कंपनियों में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार। शिक्षा, स्वास्थ्य पर पूरा फोकस होगा।