कहते है दिवाली में साफ-सफाई का बहुत महत्व होता है। यही एक ऐसा त्योहार है जहां ज्यादातर घरों के लोग रंग-रोगन करते है। लेकिन अगर आपके पास रुपए नहीं है तो अब रंग-रोगन की जरूरत नहीं है। सिर्फ आप घर की अच्छे से साफ-सफाई कर दे। दीवारों पर लगी गंदगी या फिर दाग-धब्बों को भीगे कपड़े से मिटाकर वहां पर कोई सुंदर डिजाइन बना दें। घर के बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग को भी दीवारों पर लगा सकते है।
दिवाली में घर की सफाई से ज्यादा किचन की साफ-सफाई का ज्यादा महत्व है। किचन स्वच्छ तो घर स्वच्छ ऐसा भी कहा जाता है। जिन घरों में पुट्टी या फिर पेंट किया गया है तो दीवारों में लगे तेल के दाग को अच्छी तरह निरमा से साफ कर दे। इसके बाद पुराने नए बर्तनों को साफ कर धूम में सूख जाने दे। किचन धो ले। फिर देखें किस तरह जगमगाने लगेगा।
आज-कल बाजार में बहुत प्रकार के रंगीन कागज आ रहे है। जिनको सबसे पहले खरीद ले। फिर उनका रिबन बनाए जैसे बच्चे क्लास में टीचर्स-डे पर सजाने के लिए रिबन का उपयोग करते है। उन्हीं से घर को सजाएं। परिवार के सभी लोग मिलकर सजाएंगे तो खुशियां चार गुना हा जाएंगी।
अगर आपको रंगोली बनाना है और घर में कलर नहीं है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। घर में मौजूद आटा, हल्दी, महावर और होली के बचे गुलाल या फिर कश्मीरी मिर्च ले। इसके बाद चॉक से रंगोली बनाएं। जिस तरह की आप बनाना चाहते है। इनमें खुद के बनाए हुए रंग भर दें। अब आपकी रंगोली बनकर तैयार हो जाएगी।
जरूरी नहीं की चीनी लाइटों का इस्तेमाल करने पर ही घर जगमग होता है। बल्कि बिना लाइटों से भी आपका घर चमक-दमक सकता है। वैसे भी दिवाली का असली मतलब है मिट्टी के दीये की रोशनी। तो इस दिवाली को इको-फ्रैंडली दिवाली मनाएं। बिजली भी बचाएं और मिट्टी के दीपक भी जलाएं।