1. बर्तन
धनतेरस के दिन बाजार में खरीदारी की शुरूआत बर्तनों से होती है। हर ग्राहकों को सबसे पहले बर्तन ही खरीदना चाहिए। वो भी बर्तनों में सबसे पहले पीतल का बर्तन जरूर खरीदें। कहते हैं कि धन्वंतरि देव इसी दिन अमृत का कलश लेकर समुद्र से निकले थे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन पीली वस्तुएं जरूर खरीदना चाहिए। क्योंकि सोना भी पीला होता है। यदि आपका बजट है तो सोना भी खरीद सकते हैं। इस दिन सोना खरीदना शुभ होता है। ग्राहकों के लिए सराफा बाजार सबसे ज्यादा दमकता है।
पुराने जमाने में कौडिय़ां ही सिक्के के रूप में प्रचलित थी। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान जब माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी तो उनके साथ कौडिय़ां भी थीं। धनतेरस के दिन आप कौडिय़ां खरीदें और यदि वे पीली ना हो तो उन्हें हल्दी के घोल में पीला कर लें। बाद में इनकी पूजा कर अपनी तिजोरी में रख दे।
पंडित मोहन लाल द्विवेदी ने बताया कि धनतेरस के दिन किसान लोग धनिए का बीज खरीदते हैं। अब आम शहरी भी पूजा के लिए धनिया खरीदने लगा है। शास्त्रों में धनिया खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भी धन का नुकसान नहीं होता है।
मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। आयुर्वेद लेकर प्रकट होने की वजह से भगवान धनवतंरी को औषधि का जनक भी कहा जाता है। धनतेरस के दिन धन के देवता भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। भगवान कुबेर को लक्ष्मी जी का खजांची कहा जाता है। धनतेरस वाले दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। सालभर या फिर दिवाली से संबंधित खरीदारी भी इसी दिन की जाती है।