बबुली कोल को उप्र के साथ ही मध्यप्रदेश पुलिस भी उसकी तलाश कर रही थी। रविवार को अफवाहों का बाजार अचानक गर्म हो गया था। पहले खबरें आईं की दस्यु गिरोह में फिरौती की रकम के बंटवारे को लेकर रविवार सुबह 3 बजे गैंगवार हो गई। इस दौरान गोली चली और छह लाख का ईनामी डकैत बबुली कोल और उसके एक साथी को गोली लग गई। लेकिन तब अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी। अब आधिकारियों ने बबुली कोल के मौत की आधिकारिक पुष्टि कर दी है।
जेल से लौटने के बाद डकैत बना
बताया जाता है कि बबुली कोल चित्रकूट जिले के डोंडा सोसाइटी के गांव कोलान टिकरिया के मजदूर रामचरन के घर में 1979 में हुआ था। वह गांव के ही प्राथमिक स्कूल से क्लास आठ तक की पढ़ाई की। फिर इंटर की पढ़ाई के लिए बांदा चला गया। लेकिन इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक स्थित ठीक न होने के चलते गांव आ गया और किसानी करने लगा। 2007 में पुलिस ने उसे ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और तमंचा दिखाकर जेल भेज दिया। छह माह जेल के अंदर रहने के दौरान ठोकिया के साथी लाले पटेल से इसकी मुलाकात हो गई। जेल से छूटने के बाद बबली ने लाले को छुड़ाने के लिए जाल बिछाया। जब पेशी नें लाले आया तो उसे वहां से बबली कोल फरार करा ले गया और दोनों पाठा के जंगल में कूद गए।
बबुली कोल पर हत्या का पहला मामला 2012 में दर्ज हुआ था। जहां बबली ने टिकरिया गांव के एक ही परिवार 2 सदस्यों की हत्या कर दहशत फैला दी। जून 2012 में बबली कोल ने डोंडा टिकरिया गांव के एक ही परिवार के 5 सदस्यों की पहले नाक काटी और पैर और हाथ पर गोली मारकर घायल कर दिया था। सभी के ऊपर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी थी। जब वह इस जघन्य कांड को अंजाम दे रहा था, तभी इसके गैंग का एक साथी कैमरे से वीडियो बना रहा था।
बबुली कोल ने हाल ही में सतना जिले के धारकुंडी थाना क्षेत्र के हरसेड गांव से एक किसान का अपहरण कर लिया है। किसान अवदेश द्विवेदी को वह उनके घर से रात को दो बजे उठाया। उसके बाद किसान के बेटे रूपेश द्विवेदी को फोन कर पचास लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।