जीआरपी टीआई कटनी डीपी चढ़ार ने बताया, आरोपी की तस्दीक में जुटी टीम को कोई सफलता नहीं मिली है। इससे स्पष्ट है कि आरोपी ने जानबूझकर गलत पता लिखाया था। करेंसी पेपर की तरह दिख रहे कागजों के पैकेट को जांच के लिए होशंगाबाद पेपर सिक्योरिटी मिल भेजा जाएगा। बंडल में सेंट्रल ट्रेजरी की तरह पर्ची लगी है, साथ ही केंद्रीय सत्यमेव जयते की सील, सिंगनेचर ऑफ ट्रेजरी ऑफिसर व खजाने में इस्तेमाल करने के लिए जैसे वाक्य लिखे हुए हैं। इस आधार पर अब जीआरपी अब सेंट्रल ट्रेजरी से भी जानकारी जुटाएगी।
मामले में रेलवे स्टाफ की लापरवाही सामने आई। यात्री से आइडी कार्ड या परिचय संबंधी कोई भी दस्तावेज जमा नहीं कराए गए थे। प्रोटोकॉल के विपरीत आरोपी ने जो पता बताया उसको दर्ज कर रसीद दे दी गई। उसके बताए पते का मूल दस्तावेजों से मिलान भी नहीं किया गया, न ही बैग खुलवा कर चेक किया कि कहीं इसमें कोई आपत्तिजनक वस्तु तो नहीं है। इस कारण जांच टीम को आरोपी की पतासाजी में परेशानी हो रही। मोबाइल नंबर भी ऐसा दर्ज किया गया, जिसमें संपर्क नहीं हो पा रहा। गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद भी रेलवे के जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। किसी के खिलाफ कार्रवाई तो दूर जवाब तक नहीं मांगा गया।