सतना

रूपए जेब में डाले और दीवार फांदकर भाग गया रिश्वतखोर

एक दिन पहले भी आई थी लोकायुक्त टीम, एक आरक्षक को पहचान गया था आरोपी बाबू, 60 सेकंड की देरी पड़ी भारी, मैहर तहसील में लोकायुक्त टीम की दबिश से मचा हड़कम्प

सतनाNov 03, 2022 / 02:58 pm

deepak deewan

मैहर तहसील में लोकायुक्त टीम की दबिश

सतना. मैहर तहसील कार्यालय में तहसीलदार के रीडर विनोद कुमार गुप्ता को ट्रैप करने पहुंची लोकायुक्त रीवा की टीम को 60 सेकंड की देरी भारी पड़ गई। शिकायतकर्ता से रिश्वत के 15 सौ रूपए लेने के बाद जैसे ही रीडर को दबिश की भनक लगी वह पलभर में दीवार कूदकर भाग गया। जब टीम चेंबर में पहुंची तो उसकी खाली कुर्सी पड़ी थी।

इधर लोकायुक्त पुलिस की दबिश की खबर लगते ही अधिकारी कर्मचारी सन्न रह गए। तहसील कार्यालय में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और कुछ ही देर में ज्यादातर कुर्सियां खाली हो गईं। रिश्वत की रकम के साथ भागे तहसीलदार के रीडर को पकडऩे के लिए 12 सदस्यीय लोकायुक्त की टीम दोपहर से देर रात तक आरोपी की तलाश में लगी रही। एक टीम आरोपी के सतना स्थित एमपी नगर वाले मकान में भी गई लेकिन वह नहीं मिला। बताया गया कि आरोपी रीडर लंबे अर्से से प्लाट नामांतरण की फाइल दबाए बैठा था। शिकायकर्ता जब उसके पास जाता तो कभी पांच तो कभी दस हजार रुपए की मांग करता।

घूस देने हंसते हुए पहुंचा था शिकायतकर्ता
बताया गया कि आरोपी बाबू ने दो दिन में दो बार रिश्वत लोकायुक्त पुलिस की आसपास मौजूदगी में ली लेकिन पकड़ा नहीं गया। डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि रीडर ने शिकायतकर्ता से दो हजार की रिश्वत मांगी थी। मंगलवार को 500 रूपए ले चुका था। शिकायत पूरी तरह तस्दीक हो गई। बुधवार को आरोपी को रिश्वत की बाकी रकम लेना था उसी दौरान पकड़ने की योजना थी लेकिन वह भाग गया। ऐसा लगता है कि आरोपी ने टीम के किसी आरक्षक या सदस्य को पहचान लिया था। लोकायुक्त ने तहसीलदार मानवेंद्र से पकड़वाने में मदद मांगी। तहसीलदार ने 4 घंटे तक तलाशने में मदद की लेकिन वह हाथ नहीं लगा।

बताया गया कि लोकायुक्त पुलिस दोपहर एक बजे तहसील कार्यालय पहुंची थी। शिकायतकर्ता नारायण सोनी को केमिकल लगे नोट देकर तहसीलदार कार्यालय में भेजा। शिकायतकर्ता रकम लेकर रीडर के पास हंसते हुए पहुंचा जिसके हावभाव से रीडर को लोकायुक्त की दबिश का शक हो गया। शिकायतकर्ता घूस देने के बाद ऑफिस से बाहर आया तो तत्काल लोकायुक्त पुलिस अंदर पहुंच गई लेकिन तब तक रीडर गायब हो चुका था। बताया गया कि शिकायतकर्ता के बाहर आने और टीम के अंदर जाने में महज एक मिनट का अंतर था। लोकायुक्त की ट्रेप टीम में शामिल उप पुलिस अधीक्षक राजेश पाठक, निरीक्षक प्रमेन्द्र कुमार सहित टीम में शामिल एक दर्जन लोग अब आरोपी की तलाश में दबिश दे रहे हैं।

मझगवां में भी ली थी घूस
रीडर विनोद को लोकायुक्त पुलिस ने अगस्त 2019 में मझगवां तहसील में पांच हजार रुपए लेते पकड़ा था। तब नामांतरण के एक प्रकरण में पक्ष में फैसला करने के एवज में रिश्वत ली थी। ट्रेप के तीन साल बाद भी लोकायुक्त पुलिस आरोपी के खिलाफ चालान पेश नहीं कर सकी है। आरोपी की वाइस टेस्ट की कार्यवाही बाकी है।

आरोपी को भेजेंगे जेल
रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ के अनुसार रिश्वत की रकम के साथ तहसीलदार का रीडर भाग गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आरोपी की तलाश की जा रही है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजेंगे। आरोपी रीडर विनोद गुप्ता को टीम ने दूसरी बार ट्रेप किया है।

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