मिली जानकारी के अनुसार ट्रैकिंग दल को बुधवार की शाम रेडियो कालर द्वारा मिल रहे सिग्नल के आधार पर टीम बाघ की लोकेशन सर्च कर रही थी। लेकिन बाघिन के गले में लगे रेडियो कॉलर की लोकेशन तो मिल रही थी पर बाघ नहीं दिख रहा। ट्रैकिंग दल सिग्नल के आधार पर घटनास्थल के नजदीक पहुंचा तो किसी प्रकार की हलचल नहीं हुई। पास जाकर देखने पर बाघिन का कंकाल दिखा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह शव 15 दिन पुराना है।
हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बाघिन टी-20 की मौत कैसे हुई है। जबकि बाघिन के शव के नजदीक ही एक मवेशी का शव भी पडा है। फिलहाल विभाग कागजी कार्यवाही में जुटा हुआ है। मीडिया सहित आम लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। गुरुवार को वन विभाग के तमाम आला-अधिकारी मौके पर डटे हुए है। किसी भी अधिकारी ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
बताया गया कि कुछ दिनों पहले पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-20 को सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया था। लेकिन बाघिन टी-20 का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने के बाद पार्क प्रबंधन के दावों की पोल खुल गई है। सीसीएफ, पीसीसीएफ सहित अन्य आला अधिकारी मौके पर मौजूद है।