राजेंद्र नगर की आेर तीन कर्मचारियों द्वारा एक दिन में औसतन 202 यात्री टिकट बेची जा रही। प्लेटफार्म क्रमांक एक की ओर के टिकट काउंटर पर 6 कर्मचारी पदस्थ हैं। वे एक दिन में 6000 से अधिक यात्री टिकटों की बिक्री कर रहे। इसी प्रकार तीन एटीवीएम के फेसीलेटर भी राजेंद्र नगर की आेर के काउंटर से अधिक टिकट बिक्री कर रहे हैं।
कर्मचारियों का वेतन भी नहीं निकल रहा
ऑडिट टीम ने पाया कि एक दिन में राजेंद्र नगर की ओर के काउंटर से 202 टिकट की बिक्री कर 16037 रुपए का राजस्व प्राप्त किया जा रहा। यानी इस ओर के काउंटर से तीन कर्मचारियों का वेतन तक नहीं निकल पा रहा है। प्लेटफार्म क्रमांक-एक की ओर से 6 हजार से अधिक टिकट बिक्री कर 8 लाख रुपए राजस्व प्राप्त किया जा रहा है।
बंद हो सकते हैं कॉउंटर
ऑडिट टीम की आपत्ति के बाद रेलवे प्रबंधन द्वारा समीक्षा की गई। सामने आया कि टिकट कॉउंटर से लाभ होना तो दूर तीन कर्मचारियों का वेतन भी नहीं निकल पा रहा है। जानकारों की मानें तो रेलवे प्रबंधन ऑडिट टीम की आपत्ति के बाद राजेंद्र नगर की ओर के टिकट काउंटर बंद करने पर भी विचार कर रहा है।
आरक्षण के लिए भी एक काउंटर खोलने की थी तैयारी
तत्कालीन डीआरएम मनोज सिंह ने निरीक्षण के दौरान पाया था कि प्लेटफार्म क्रमांक-एक की आेर यात्रियों का अत्याधिक दबाव है। जबकि प्लेटफार्म क्रमांक-दो और तीन खाली पड़े हुए थे। तब तत्कालीन डीआरएम ने प्लेटफॉर्म क्रमांक-दो की ओर सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा क्षेत्रीय लोगों की मांग पर आरक्षण काउंटर खोलने का भी आश्वासन दिया था।