सीएमएचओ ने बताया कि तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बैचेनी, सुस्ती, बेहोशी, उल्टी, दस्त निपाह रोग के लक्षण हैं। रोग की जांच के लिए भारत शासन द्वारा वर्तमान में एनआइवी पुणे बायरोलोजी लैब को चयनित किया गया है। इसमें संदिग्ध रोगियों के रक्त, मूत्र, गले की लार तथा सीएसएफ के नमूनों का वायरोलोजी परीक्षण किया जाता है। संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
जन सामान्य को सलाह दी गई कि चमगादड़ वाले क्षेत्रों में चमगादड़ के कुतरे फलों को न खाएं और न ही पेड़ पर लटकी ताड़ी का सेवन करें। बाजार से लाए गए फलों की जांच कर लें कि कहीं वे कुतरे तो नहीं हैं। यदि ऐसा हो, तो तत्काल उन फलो को फेंक दें। उनका सेवन न करे। लंबे समय से बंद तहखाने एवं कुओं में जहां चमगादड़ हो सकते हंै, वहां नहीं जाने की सलाह दी गई है। चमगादड़ों एवं सूअरों के सम्पर्क से बचने के लिए भी कहा गया है। निपाह रोग से संक्रमित व्यक्ति से दूर रहने तथा रोग की शंका होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करने के लिए कहा गया है।