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संवाद सेतु

Lucknow West Assembly seat: विकास तेज पर अभी भी सड़कों की हालात गड़बड़

Lucknow West Assembly seat : पत्रिका का संवाद सेतु कार्यक्रम जनता की बात सरकार तक और सरकार की बात जनता तक पहुंचाने का एक माध्यम है। राजधानी लखनऊ में 10 दिसंबर, शुक्रवार को संवाद सेतु कार्यक्रम को पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे।

Dec 10, 2021 / 11:31 am

Sanjay Kumar Srivastava

UP Vidhansabha

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लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की घाड़ियां तेजी से बीत रही हैं। तैयारियां जोरों पर हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ की कुल 9 विधानसभा सीटों में एक लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट है। लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट बेहद अहम सीट है। लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट से भाजपा के सुरेश कुमार श्रीवास्तव विधायक चुने गए थे। पर कोविड की वजह से इस वर्ष उनकी मृत्यु हो गई। इस वक्त इस विधानसभा का कोई पैरोकार नहीं है।
खांटी कायस्थों का बोल बाला

लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट में अधिकतर इलाका राजाजीपुरम का आता है। जिसमें कुछ चौक तो कुछ आलमबाग का इलाका शामिल है। इस क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की संख्या काफी अधिक है। ब्राह्मण, यादव का वोट प्रतिशत भी जीत-हार में निर्णायक की भूमिका निभाता है। पर लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट में जीत का सबसे अधिक योगदान यहां रहने वाले खांटी कायस्थों का है। बिना कायस्थों के समर्थन के यह से किसी भी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सकता है।
लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट में सात बार भाजपा जीती

यही वजह है कि लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट से सबसे अध‍िक सात बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। दो बार कांग्रेज ने भी अपना झंडा फहराया। इसके बावजूद भाजपा का गढ़ माने जाने वाली यह सीट चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी के कब्‍जा में चली गई। चुनाव 2017 में भाजपा के सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने सपा के मोहम्मद रेहान को 13072 वोट से हराया था। चुनाव 2022 में सभी दल विधानसभा सीटों कब्जाने की जुगत में लग गए हैं।
लखनऊ पश्चिम व‍िधानसभा सीट का इतिहास

लखनऊ पश्चिम विधान सभा सीट सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था। जिसमें जनसंघ के एस. शर्मा ने जीत दर्ज की थी। चुनाव 1969 में जनता दल से डी पी बोरा विधायक बने। 1974 में कांग्रेस के शकील अहमद ने जीत हासिल की। जनता पार्टी के टिकट पर एक बार फिर डीपी बोरा ने यहां कब्जा किया। 1980 में कन्हैयालाल महेंद्रू ने कांग्रेस से जीत दर्ज की। 1985 में कांग्रेस ने दोबारा बाजी मारी। जफर अली नकवी विधायक बने।
लगातार 6 चुनाव जीती भाजपा

1989 चुनाव में रामकुमार शुक्ला विधायक भाजपा से विधायक बने। फिर 1991 और 1993 में भी रामकुमार शुक्ला ने जीत का परचम लहराया। इसके बाद भाजपा की जीत का सिलसिला नही थमा। और 1996, 2002 और 2007 में लगातार तीन बार लाल जी टण्डन ने यहां परचम लहराया। हालांकि 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस के एसके शुक्ल ने भाजपा के विजय रथ को रोक दिया और विधायक बने। 2012 के चुनाव में सपा के मोहम्मद रेहान ने भाजपा के सुरेश कुमार श्रीवास्तव को 7812 वोट हराया था। 2017 में सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने यहां पर कमल खिलाया।
लखनऊ पश्चिम विधान सभा में टूटी-फूटी सड़क बड़ी समस्या

लखनऊ पश्चिम विधान सभा में विकास के बहुत से कार्य हुए। उसके बाद भी इस क्षेत्र की कई समस्याएं हैं। खासतौर पर सड़क एक बड़ी समस्या है। इस विधान सभा में शहर के कई पुराने इलाके शामिल है। जहां की आबादी बेहद संकरी गालियों में रहती है। सड़कें टूटी फूटी है। जिस वजह से जनता को काफी परेशान झेलनी पड़ी थी।
ट्रैफिक जाम लखनऊ शहर की सबसे बड़ी समस्या, जनता परेशान

छोटा सा ब्योरा :-

सीट का नाम- 171 लखनऊ पश्चिम
जिला- लखनऊ
कुल मतदाता- 3.87 लाख (अनुमानित)
वर्तमान विधायक- सुरेश कुमार श्रीवास्‍तव (कोविड से निधन)
पार्टी- भारतीय जनता पार्टी

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