इमरान मसूद ( Imran Masood statement ) ने कहा कि विकास दुबे एनकाउंटर ( vikas dubey encounter) में सबसे बड़ा सवाल इस बात को लेकर खड़ा हो रहा है कि किस प्रकार से विकास दुबे को उज्जैन महाकाल मंदिर तक ले जाया गया और कौन-कौन उसे वहां ले जाने में शामिल थे। जिस प्रकार से बड़े-बड़े सफेदपोश लोगों के नाम बताए जा रहे हैं वह संदेह पैदा करते हैं। इन संदेह का निराकरण करने के लिए सरकार को चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में इसकी जांच को संपन्न कराया जाए। एक प्यादे के मारने से अपराध खत्म नहीं होगा। आपको जड़ खत्म करनी होगी। अपराधियों के पैर पर गोली मारकर और पुलिस को गोली छू जाने के किस्से उत्तर प्रदेश के अंदर आम है। ऐसे में बढ़ता हुआ अपराध इस बात की दलील है कि आज उत्तर प्रदेश अपराध में नंबर वन हो रहा है। सरकार जो दावे कर रही है वह सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि (Imran Masood statement) प्रेस को रोक दिया गया, दो किलोमीटर पहले प्रेस को रोक दिया गया। 300 किलोमीटर से प्रेस साथ चली आ रही थी। दो किलोमीटर पहले प्रेस को रोक दिया जाता है। इसी बीच 10 से 15 मिनट के अंदर ही सारे काम को अंजाम दे दिया। गाड़ी पलटी लेकिन गाड़ी के अंदर कोई खरोंच तक नहीं आई। सारे टीवी चैनल पर दिखाया जा रहा था कि बाद में गाड़ी को खींचा गया और खींचकर उसमे खरोच डाली गई, उसको सीधा नहीं किया गया। यह सभी चीजें अपने आप में बयान कर रही हैं कि पुलिस अपनी थ्योरी को भी सही तरीके से प्लान भी नहीं कर पाई।