2019 के लोकसभा चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा और रालोद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। तीन पार्टियों के एक साथ आने के बाद भी भाजपा उम्मीदवार प्रदीप कुमार ने यहां से जीत दर्ज की। वहीं, पिछले साल कैराना मेें हुए उपचुनाव में सपा और रालोद ने साथ मिलकर तबस्सुम हसन को मैदान में उतारा था। उस उपचुनाव में दोनों दलों ने मिलकर भाजपा की मृगांका सिंह को शिकस्त दी थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में तीनों दल गंगोह विधानसभा सीट पर बेअसर साबित हुए थे।
राजनीतिक दलों ने शुरू की तैयारियां गंगोह सहारनपुर जनपद में आता है लेकिन विधानसभा सीट कैराना लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। बसपा द्वारा अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सपा भी अपने रास्ते चल दी है। रालोद ने सपा के साथ रहने के संकेत दिए हैं। गंगोह में होने वाले उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं उपचुनाव में सपा, रालोद और कांग्रेस एक साथ आ सकती हैं।
सपा और रालोद ने जताई दावेदारी चर्चा है कि सपा जिलाध्यक्ष चौधरी रुद्रसेन अपने भाई को चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने आलाकमान से अपनी इच्छा भी जाहिर कर दी है। इसके लिए वह कई पंचायतें भी कर चुके हैं। चौधरी रुद्रसेन का कहना है कि सपा गंगोह सीट पर अपना प्रत्याशी उतारेगी। उधर, गठबंधन की अटकलों के बीच रालोद ने भी दावेदारी जताई है। रालोद जिलाध्यक्ष राव कैसर सलीम का कहना है कि 2018 के कैराना लोकसभा उपचुनाव में तबस्सुम हसन ने चुनाव जीती थी। उन्हें गंगोह में काफी बढ़त मिली थी। इस लिहाज से गंगोह से रालोद का उम्मीदवार मजबूत रहेगा। उन्होंने कहा कि दावेदारी की जा रही है। बाकी पार्टी जो फैसला करेगी, माना जाएगा। वहीं, कांग्रेस भी अपना प्रत्याशी उतारने की बात कह रही है।
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