गंगोह के पूर्व चेयरमैन नोमान मसूद (बायें), दायें में उनके भाई पूर्व विधायक इमरान मसूद
बहुजन समाज पार्टी ने सहारनपुर मेयर सीट के लिए इमरान मसूद की पत्नी सायमा को प्रत्याशी घोषित किया था। आरक्षण लिस्ट आने के बाद वो दौड़ से बाहर हो गई हैं। उनके भाई नोमान परंपरागत गंगोह नगर पालिका से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। उनको भी रिजर्वेशन लिस्ट ने झटका दे दिया है।
गंगोह की चेयरमैनी भी नहीं रहेगी पास मसूद परिवार गंगोह का रहने वाला है। गंगोह नगर पालिका परिषद पर ज्यादातर इसी परिवार का कब्जा रहा है। 2012 से 2017 तक इमरान के भाई नोमान यहां से चेयरमैन थे। 2017 में पिछड़ा वर्ग के लिए सीट जाने से नोमान नहीं लड़ सके थे। 2017 में उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ा था और 5 साल से पार्षद थे।
इस बार नोमान को उम्मीद थी कि नए आरक्षण में गंगोह अनारक्षित रहेगी या महिला के लिए रिजर्व होगी। ऐसे में पूर्व चेयरमैन काजी नोमान मसूद या उनकी पत्नी चुनाव लड़तीं। लिस्ट में गंगोह को पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित रखा है। जिससे मसूद परिवार दौड़ से बाहर हो गया है। ऐसे में लगता है कि एक बार फिर उनको पार्षदी से ही काम चलाना पड़ेगा।
बेटे हमजा (बीच में) और पत्नी के साथ नोमान मसूद IMAGE CREDIT: गंगोह क्यों मसूद परिवार के लिए क्यों खास? काजी परिवार का गंगोह पालिका में दबदबा आजादी से पहले से रहा है। गंगोह के नोटिफाइड एरिया घोषित होने के बाद यहां सबसे पहले काजी हनीफ चेयरमैन बने थे। काजी हनीफ इमरान के दादा काजी मसूद के बड़े भाई थे। इसके बाद से कुछ मौकों को छोड़कर गंगोह की चेयरमैनी ज्यादातर मसूद परिवार के पास ही रही है।
गंगोह से नोमान और इमरान मसूद के पिता काजी राशीद मसूद भी चेयरमैन रहे। नोमान मसूद भी गंगोह नगर पालिका चेयरमैन रहे। 2017 तक नोमान चेयरमैन थे। नोमान को 5 साल के गैप के बाद फिर से गंगोह पालिका मिलने की आस थी लेकिन आरक्षण की लिस्ट से उनको झटका लगा है। नोमान 2022 का विधानसभा चुनाव भी हार गए थे, ऐसे में उनको इस चुनाव से काफी उम्मीद थी लेकिन फिलहाल वो गंगोह से नहीं लड़ सकते हैं।