सेना के जवान पहुंचे तो ग्रामीणों के अपने कानों पर नहीं हुआ विश्वास
मंगलवार को सेना के जवानों ने फतेहपुर गांव पहुंचकर मलखान सिंह के भाई इसमपाल को बताया कि उनके भाई मलखान सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र से मिल गया है। उनका शरीर वहां बर्फ के नीचे दबा हुआ था। मलखान सिंह के भाई के पूछने पर सेना के जवानों ने बताया कि मलखान सिंह के शरीर के पास मिले वाउचर से उनकी पहचान हुई है। ये भी बताया कि सर्च अभियान के दौरान पार्थिव शरीर मिला है। यह खबर मिलते ही पूरे परिवार की आंखें नम हो गई। पूरा गांव इकट्ठा हो गया। सेना के जवानों ने बताया कि बुधवार को पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा। इस खबर के रातभर परिजन नहीं सो पाए।
1968 में खराब मौसम के चलते क्रैश हो गया था प्लेन
नानौता थाना क्षेत्र के गांव फतेहपुर निवासी रामदिया के बेटे मलखान सिंह वायु सेना में तैनात थे। 7 फरवरी 1968 को वायु सेना का एक विमान चंडीगढ़ से लेह के उड़ा। इसमें 100 से अधिक जवान थे। इसी विमान में फतेहपुर के रहने वाले 23 वर्षीय मलखान सिंह भी थे। यह विमान हिमाचल के सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में पहुंचा तो खराब मौसम में क्रैश हो गया। इस दुर्घटना में मलखान सिंह समेत सभी जवान शहीद हो गए थे। बर्फीले पहाड़ होने के कारण इनके शरीर नहीं मिल पाए थे। अब एक सर्च ऑपरेशन में इनका पार्थिव शरीर मिला है। पत्नी और बेटे की हो चुकी है मौत सूचना पर गांव पहुंचे पोते-पोतियां
इसमपाल सिंह ने
सहारनपुर में रह रहे अपने भाई के पोते गौतम और मनीष को बताया कि उनके दादा का पार्थिव शरीर मिला है जिसे लेकर सेना के जवान गांव पहुंच रहे हैं। इस सूचना पर मलखान सिंह के पोते और पोतियां भी गांव आ गई। मलखान सिंह की पत्नी पत्नी शीला देवी और इकलौते बेटे रामप्रसाद इस दुनिया में नहीं हैं। अब उनके परिवार में पोते गौतम, मनीष और पोती सोनिया और मोनिका के अलावा सीमा हैं। जानकारी मिली है कि गौतम और मनीष सहारनपुर में ऑटो चलाते हैं। मलखान सिंह के भाई सुल्तान सिंह और चंद्रपाल सिंह की भी इस दुनिया में नहीं रहे। वर्तमान में सिर्फ भाई इसमपाल सिंह और बहन चंद्रपाली जिंदा हैं।
पार्थिव शरीर पहुंचा तो रो पड़ा पूरा गांव
सेना के जवानों की इन बातों पर मंगलवार को किसी को विश्वास नहीं हो रहा था। बुधवार को जब पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो स्वजनों और गांव वालों की आंखे भर आई और छाती गौरव के सात चौड़ी हो गई। यहां पूरे मान-सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का संस्कार हुआ और सलामी दी गई। इस मौके पर सेना के जवानों और ग्रामीणों के अलावा जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।