एडिशनल डीसीपी सेंट्रल ने इसकी पुष्टि की है। उन्हाेंने बताया कि फेज-2 स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में कोरोना के मद्देनजर आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां आने वाले बाल अपचारियों को कोविड-19 सुरक्षा के मद्देनजर पहले वहां रखा जाता है। सुरक्षा के लिहाज से उसमें लोहे की चादर का दरवाजा लगाया गया था।
एक अगस्त की सुबह करीब चार बजे छह बाल अपचारी आइसोलेशन वार्ड के लोहे की चादर का दरवाजा मोड़कर वहां से फरार हो गए थे। समय रहते पुलिस ने तीन बाल अपचारियों को कुछ देर बाद ही पकड़ लिया लेकिन तीन बाल अपचारी फरार होने में कामयाब हो गए। इस बाबत संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर फरार बाल अपचारियों की तलाश शुरू की गई।
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने एक अगस्त की रात को NISZ मेट्रो स्टेशन के पास से एक बाल अपचारी को पकड़कर संरक्षण में ले लिया है। इस बाल अपचारी को 29 जुलाई को थाना बादलपुर थाने में दर्ज एक मामले में संरक्षण गृह में भेजा गया था। दो अगस्त को पुलिस ने भंगेल से दूसरे बाल अपचारी को भी संरक्षण में ले लिया। यह बाल अपचारी भी 29 जुलाई को दादरी थाने में दर्ज मुकदमे में संरक्षण गृह भेजा गया था, तीसरे की तलाश की जा ही है।