बता दें कि गुरुवार देर रात एक छात्र की सूचना पर एटीएस ने देवबंद के एक हाॅस्टल में छापा मारा था। जहां से एटीएस ने कुलगाम के रहने वाले शाहनवाज तेली आैर पुलवामा के रहने वाले आकिब अहमद को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि ये दोनों लंबे समय से हाॅस्टल में रहकर यहां रहने वाले अन्य छात्रों को भड़काकर जैश में भर्ती करने की योजना बना रहे थे। एटीएस की छापेमारी में इन दोनों आतंकियों के पास 32 बोर की पिस्टल आैर 30 जिंदा कारतूस के अलावा मोबाइल में जिहादी चैट के साथ कई वीडियो और फोटो भी मिले। जब इनके मोबाइल चैटिंग की जांच की गर्इ तो पता चला कि पुलवामा आतंकी हमले की साजिश कई दिन पहले रच ली गई थी। इससे यह साफ हो गया है कि शहनवाज तेली और आकिब को इस आतंकी हमले की पहले से ही जानकारी थी। एटीएस अधिकारियों की मानें तो बरामद मोबाइल की चैटिंग आैर कॉलिंग के साथ जेहादी वीडियो आैर फोटोग्राफ की फॉरेंसिक जांच करार्इ जा रही है।
आकिब अहमद के मोबाइल की जांच के बाद पता चला है कि वह करीब सप्ताहभर से पुलवामा में ज्यादा बात कर रहा था। वहीं पूछताछ में आकिब ने कहा है कि पुलवामा में उसका परिवार रहता है। इसलिए वह अपने परिजनों से ही बात कर रहा था। फिलहाल पुलिस इसकी जांच कर रही है कि पुलवामा आतंकी हमले से दोनों आतंकियों का कोर्इ लिंक है या नहीं। एटीएस इसकी भी जांच कर रही है कि कहीं दोनों आतंकियों का फियादीन आतंकी आदिल डार से तो कोर्इ लिंक नहीं है। क्योंकि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर फियादीन हमला करने वाला आतंकी आदिल डार भी पुलवामा का ही रहने वाला था। हालांकि डीजीपी ओपी सिंह का इस विषय पर कहना है कि पुलवामा हमले से शाहनवाज आैर आकिब के लिंक के बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है।