उन्होंने कहा कि मैं तीन तलाक की लड़ाई लड़ रही हूं। तीन तलाक का फैसला सुप्रीम कोर्ट से आ गया है। लेकिन उसके बाद में सबसे पहले अमित शाह ने यह कहा था कि अब इस पर कानून बनाने की कोई ज़रूरत नहीं है। इस पर मैंने कहा था कि जब तक कानून नहीं बनेगा, तब तक इन लोगों की पकड़ नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हिन्दू महिलाओं के लिए तो पहले से ही कानून बना हुआ है। जो महिला इस्लाम धर्म में आ रही हैं। वह अच्छा है, उनका वेलकम करें। जब हमारे देश में हिन्दु, सिख, ईसाई सबके लिए फैमली ऐक्ट है तो मुसलमानों के लिए क्यों नहीं होना चाहिए, सिर्फ इसलिए कि मौलाना नहीं चाहते है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौलाना चाहते हैं कि वे अंग्रेजों का बनाया हुआ 1937 का शरई एक्ट कायम रहे।
इसके अलावा विशेष तौर पर दारूल उलूम देवबंद को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि यहां जो एक्टीविटिज़ हो रही है, वह संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक महीना हो गया है, लेकिन दारूल उलूम को 91 का नोटिस दिए हुए, लेकिन आज तक उसका कोई जवाब नहीं मिला है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग जो संदिग्ध ऐक्टिविटीज को चला रहे हैं, उससे बाहर निकलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की मांग की, जो मेरे आरोपी है, उन्हें मेरे हवाले करना चाहिए और मुझे कानूनी कार्रवाई में सपोर्ट करना चाहिए। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। जो लोग यहां गलत गतिविधियों में पाया जाए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे दर्ज होने चाहिए।