वर्ष 1999 में सुनील राठी के पिता नरेश राठी की गांव के ही रहने वाले साहब सिंह राठी और मोहकम सिंह राठी ने हत्या कर दी थी। यह चुनावी रंजिश के वजह से हुआ था। बताया जा रहा है कि उस समय चेयरमैनी को लेकर विवाद चल रहा था। जिस समय सुनील राठी के पिता नरेश राठी की हत्या की गई, उस दौरान वह टिकरी के चेयरमैन हुआ करते थे। इसके बाद सुनील राठी ने जरायम की दुनिया में कदम रखा। इस हत्याकांड का बदला लेने के लिए सुनील राठी ने वर्ष 2000 में हत्यारोपियों मोहकम सिंह और साहब सिंह को गांव में ही मौत के घाट उतार दिया। इनके साथ दो और लोगों की हत्या की गई थी। इस तरह कुल चार लोगों की हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। सुनील राठी ने चौहरा हत्याकांड को अंजाम देकर लखनऊ तक सनसनी फैला दी थी।
दिल्ली में डाली डकैती इसके बाद सुनील दिल्ली में शिफ्ट हो गया था। कुछ दिन दिल्ली में चुपचाप पड़े रहने के बाद उसने दिल्ली के एक शोरूम में डकैती डाली। इस दौरान सुनील ने अपने साथियों के साथ शोरूम के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इस वारदात को अंजाम देने के बाद भी वह भागने में कामयाब हो गया था। इसके बाद उसने दिल्ली छोड़ दी और हरिद्वार में जा छिपा।
हरिद्वार में प्रॉपर्टी के बिजनेस में रखा कदम कुछ दिन हरिद्वार में रुकने के बाद उसने प्राॅपर्टी के बिजनेस मेंपैर फैलाना शुरू कर दिया। हरिद्वार के प्राॅपर्टी विवाद में उसने सुरेश आहूजा के माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी थी। उन्होंने यह जमीन देने से माना कर दिया था। इस हत्याकांड के बाद सुनील राठी का खौफ वेस्ट यूपी के साथ ही दिल्ली और उत्तराखंड में भी फैल गया। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस हाथ धोकर सुनील राठी के पीछे पड़ गई। वर्ष 2001 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। तब से सुनील जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि वह जेल से ही अपना गैंग संचालित करता है। बताया जाता है कि सुनील जिस जेल में रहता है, पिस्टल अपने साथ में ही रखता है।
जेल में रहते हुए इन वारदातों को दिलाया अंजाम सुनील राठी को भले ही जेल की चारदीवारी में कैद कर दिया गया हो लेकिन अपने गुर्गों से जेल में रहते हुए वारदात कराता रहा। जेल में रहते हुए ही उसने अपने गैंग खड़ा कर दिया। जेल में रहते हुए ही उसने हरिद्वार के कुख्यात अपराधी चीनू पंडित पर गोलियां चलवाईं। रुड़की जेल के बाहर हुए इस हमले में चीनू तो बच गया लेकिन उसके तीन साथियों की मौत हो गई। इस वारदात से पहले रुड़की के डिप्टी जेलर की हत्या में भी सुनील का नाम सामने आया था।
अमित भूरा को भगाने में भी सुनील का हाथ था बागपत पेशी पर जा रहे कुख्यात अपराधी अमित भूरा को फरार कराने में भी सुनील राठी का हाथ बताया गया था। अमित भूरा सुनील का दायां हाथ है। बताया जाता है कि अमित भूरा को सुनील राठी ने अपने गुर्गों सुशील खोकर और नीरज बवाना के जरिए पुलिस गिरफ्त से छुड़वाया था। नीरज बवाना व सुशील खोकर ने अमित भूरा को छुड़ाते वक्त पुलिसकर्मियों की दो एके-47 राइफल और दो एसएलआर भी लूट ली थी।
मुख्य रूप से सुनील राठी के गैंग में ये बदमाश हैं शामिल बताया जा रहा है कि सुनील राठी के गैंग में इन दिनों सुशील मीरगपुर, नीरज बवाना, सुशील खोकर, अमित भूरा, धर्मेंद्र कंचू, ऋषि पाल राणा मुख्य रूप से शामिल हैं। ये सभी कुख्यात अपराधी हैं। अमित भूरा इस समय जेल में है।
मुन्ना बजरंगी के गैंग में ये मुख्य अपराधी हैं शामिल मुजफ्फरनगर के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा और विक्की त्यागी का पूरा गैंग मुन्ना बजरंगी से जुड़ा हुआ है। नोएडा के दुजाना गांव का कुख्यात अनिल दुजाना भी मुन्ना बजरंगी गैंग से ही जुड़ा हुआ है। बनारस का कुख्यात अपराधी और शार्प शूटर रिंकू राय और अंगद राय के अलावा फिरदोस व सोनू नेपाली भी उसके गैंग में है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद अब गैंगवार छिड़ सकती है।