आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में बनाए गए इस हाईवे पर सड़क की ऊपरी परत उखड़ गई है। कई जगह दरार आ गई हैं। सड़क में आई इन दरारों की वजह से जहां सफर मुश्किल हो रहा है वही दुर्घटना की आशंका अभी बनी हुई हैं अचानक दौड़ते वहन का चालक जमीन दरारों को देखकर लगाता है तो पीछे से चक्कर लगने का खतरा बना रहता है। हैरान कर देने वाली बाती है कि हाईवे छोटी की ओर से एक भी संकेत किस रोड पर नहीं लगा गया है। ऐसे में सवाल यह है कि इतना महंगा टोल टैक्स किस आधार पर लिया जा रहा है।
सहारनपुर- मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे का जिम्मा एप्को कंपनी पर है। कंपनी के रीजनल मैनेजर एनपी सिंह से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सड़क जहां से खराब हो रही है उसे जल्द ठीक कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि रास्ते में काम चल रहा है, काम को और तेज कराया जाएगा।
सहारनपुर नगर विधायक संजय गर्ग ने कहा है कि यह बेहद लापरवाही है। पीपीपी मॉडल पर यह हाईवे बनाया गया था। उपसा भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही। इस मामले को विधानसभा में उठा जाएगा और जो टोल टैक्स रेट बढ़ाई गए हैं वह जनता का सीधा शोषण है। बढ़ी हुई कीमतों को वापस कराने के लिए विधानसभा में आवाज उठाई जाएगी।
सहारनपुर मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे पर रोहाना में बनने वाला ओवरब्रिज आज भी अधूरा पड़ा है। यहां आज भी डायवर्जन है और फोर लेन हाईवे का ट्रैफिक करीब 1 किलोमीटर के वन वे टुकडे से निकाला जाता है। नियम के अनुसार जब तक निर्माण पूर्ण नहीं हो जाता तब तक टोल टैक्स नहीं वसूल सकते लेकिन इस स्टेट हाईवे पर पिछले करीब 2 साल से टोल टैक्स वसूला जा रहा है और दो बार कीमतें भी बढ़ाई जा चुकी हैं।