मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यक्रम में पहुंचे थे आरएसएस के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार गुरुवार को देवबंद में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां वह इस्लामिया डिग्री काॅलेज में आयोजित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पैगाम-ए-इंसानियत कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद शाम को वह भाईचारे का पैगाम लेकर दारुल उलूम पहुंचे। वहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इंद्रेश कुमार ने शाम को गेस्ट हाउस में मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से बातचीत की। इस दौरान उन्हें संस्था के इतिहास की भी जानकरी दी गई। इस दैरान इंद्रेश कुमार ने कहा कि वह भाईचारे का संदेश लेकर यहां आए हैं। वहीं, मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि दारुल उलूम के दरवाजे यहां आने वाले सभी लोगों के लिए खुले हैं। इंद्रेश कुमार इससे पहले भी 2004 में दारुल उलूम आ चुके हैं।
सरकार को दी यह सलाह मुलाकात के बाद इंद्रेश कुमार ने कहा कि उन्होंने शिष्टाचार के तहत यह मुलाकात की है। सरकार शिक्षा और तरक्की का रास्ता बनाए, जिससे जनता आपस में शांति और भाईचारे के साथ रहे। देश की तरक्की के लिए हिंदू-मुस्लिम रहनुमाओं को एक मंच पर रहना जरूरी है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम अपने दीन पर अमल करें जबकि दूसरे धर्माें के लोग अपने धर्म पर चलते हुए ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।
लोगों से भी की अपील उनका कहना है कि लोग अपनी पहचान धर्म के आधार पर नहीं बल्कि हिंदुस्तानी के रूप में बनाएं। इस दौरान उन्होंने कुछ मुस्लिम नेताओं पर निशाना भी साधा। इंद्रेश कुमार ने कहा कि कुछ मुस्लिम नेता मुसलमानों को डराने का काम कर रहे हैं। यह देश कट्टरपंथ से नहीं, बल्कि प्यार मोहब्बत से चलेगा।