मिर्जापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नेत्रपाल सिंह वर्तमान में कोतवाली सदर बाजार क्षेत्र की वैशाली विहार कॉलोनी में रहते हैं। नेत्रपाल सिंह पुलिस में उपनिरीक्षक हैं और इनकी तैनाती बागपत में है। इनका इकलौता बेटा मध्यप्रदेश में अध्यापक है। नेत्रपाल के बेटे के लिए एक से बढ़कर एक रिश्ते आ रहे थे लेकिन उन्होंने अपने बेटे का रिश्ता यमुनानगर के एक किसान परिवार में तय किया। मंगलवार को उनके बेटे की बारात पड़ोसी राज्य हरियाणा के जिला यमुनानगर गई थी।
खानपुर निवासी लड़की शीतल के पिता राजपाल सिंह ने बारात का स्वागत किया। और बारात को निमंत्रण देते हुए लड़की के पिता राजपाल ने दूल्हे को शगन के रूप में ₹11 लाख रुपये कैश दिया लेकिन दूल्हे ने इतनी बड़ी राशि लेने से मना कर दिया। बारातियों के सामने ही दूल्हे ने दहेज के रूप में मिली यह पूरी रकम वापस लौताते हुए कहा कि उसके लिए दुल्हन ही दहेज है।
पेशे से किसान लड़की के पिता राजपालसिंह ने कहा कि सरकारी नौकरी के बावजूद उनके दामाद ने शगन नहीं जिया वरना तो सरकारी नौकरी लगने के बाद लड़के और उनके परिवार के लोग दहेज की मांग पर अड़ जाते हैं। कई बार दहेज को लेकर रिश्ते तक टूट जाते हैं लेकिन उनके दामाद ने ऐसे सभी लोगों के लिए नजीर पेश की है जो दहेज के लिए रिश्ते तोड़ देते हैं।
लड़के के पिता नेत्रपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी दो बेटियों की शादी भी बिना दान दहेज की हैं। ऐसे में उन्होंने अपने बेटे की शादी में भी दान दहेज न लेने का निर्णय किया था। उनके बेटे को भी दहेज पसंद नहीं है। इसलिए उनके बेटे ने दहेज में मिले 11 लाख रुपए वापस कर दिए। यह शादी नजीर होने के साथ ही क्षेत्र में चर्चा का विषय भी बनी हुई है।