यह घटना
smart city Saharanpur स्मार्ट सिटी सहरनपुर के दिल्ली रोड स्थित एक जाने-माने प्राइवेट अस्पताल की है। मिर्जापुर थाना क्षेत्र के गांव ढाबा का रहने वाला एक परिवार डिलीवरी के लिए अपने घर की बहू माेमिना को इस नर्सिंग होम में लेकर पहुंचा था। परिवार वालों ने बताया कि गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर ने उन्हें इस अस्पताल में जाने की सलाह दी थी। भर्ती होने पर अस्पताल की ओर से बिल संबंधी कोई जानकारी परिवार को नहीं दी गई।
नॉर्मल डिलीवरी होने पर परिवार के लोग बेहद खुश थे और खुद मोमिना भी अपने बच्चे को लेकर खुश दिखाई दे रही थी लेकिन जब छुट्टी का नंबर आया तो परिवार के लोग अस्पताल के काउंटर पर बिल bill लेने के लिए पहुंचे। यहां जमीने 60 हजार रुपये का बिल देखकर गांव से आए इस परिवार के सदस्याें के पैरों तले से जमीन खिसक गई। परिवार के सदस्यों ने इस पूरे मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग
helth department से भी की है। इस मामले काे लेकर अस्पताल में घंटाें हंगामा चला इसके बाद मामला सुलझ सका। उधर अस्पताल प्रबंधन का यही कहना है कि बिल बिल्कुल ठीक है जो बिल परिवार के लोगों को दिया गया है उसकी पूरी डिटेल परिवार काे दी गई है।
सरकारी अस्पतालत में फ्री हाेती है डिलीवरी Saharanpur Cmo सहारनपुर सीएमओ बीएस साेढी ने बताया कि सरकारी हॉस्पिटल में डिलीवरी बिल्कुल मुफ्त है। सरकारी याेजना का लाभ भी जच्चा बच्चा काे मिलता है। उन्हाेंने अपील की है कि
goverment hospital सरकारी अस्पताल की सेवाओं का लाभ सभी परिवाराें काे लेना चाहिए।