अभी तक केसीसी लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा कराना अनिवार्य था। किसानों के खाते से फसल बीमा का प्रीमियम निर्धारित समय से कट जाता था लेकिन अब ऐसा नही होगा। जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ लेना चाहेंगे, उन्हे ही योजना में शामिल किया जायेगा और जो किसान इस योजना से बाहर रहना चाहते हैं वह 31 जुलाई 2020 के सात दिन पहले तक उन्हे अपने से संबंधित बैंक में जाकर एक लिखित प्रार्थना पत्र देना होगा।
उसके बाद उनका नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हट जायेगा।
गैर ऋणी किसान सीएसी, बैंक, ऐंजेण्ट व बीमा पोर्टल के माध्यम से स्वयं बीमा करा सकते है। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में खरीफ में अधिसूचित फसल जैसे धान पर कुल धनराशि का 2.00 प्रतिशत, रबी में अधिसूचित फसल हे जैसे गेंहू, सरसों पर कुल बीमित राशि 1.5 प्रतिशत व बागवानी फसलों पर बीमित धनराशि का 5.00 प्रतिशत प्रीमियम देय है।
दरअसल आंधी, तूफान, ओलावृष्टि के कारण तैयार फसल किसानों की नष्ट हो जाती थी। इससे किसान परेशान हो जाते थे, जिसको ध्यान में रखतें हुये सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी। लेकिन प्रीमियम कटनें के बावजूद भी ज्यादातर किसानों को बीमा का लाभ नही मिलता था। जिसके कारण किसान कई वर्षों से स्वेच्छानुसार फसल बीमा किए जाने की मांग शासन से करते आ रहे थे, जिसे ध्यान में रखते हुए शासन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा को स्वैच्छिक कर दिया है।