इससे नाराज होकर राजपूत समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से नानौता चीनी मिल अतिथि गृह में बैठक कर यह निर्णय लिया।राजपूत समाज के लोगों द्वारा लिया गया यह निर्णय किसी भी दल को भारी पड़ सकता है। आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट में जिले की दो विधानसभाएं नकुड़ और गंगोह शामिल हैं। फिलहाल कैराना लोकसभा सीट के लिए 3 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जो 10 मई तक चलेगी। इस सीट पर 28 मई को मतदान होगा।
राजपूत समाज के इस फैसले प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कैराना लोकसभा सीट व नूरपुर विधानसभा सीट के लिए 28 मई को होने वाले उपचुना के लिए सपा और रालोद में गठबंधन हो गया है। गठबंधन में दोनों दलों द्वारा एक-एक सीट पर प्रत्याशी उतारने की सहमति बनी है। जिसके तहत सपा ने कैराना लोकसभा सीट रालोद को दे दी है, जबकि नूरपुर सीट पर अपने पास रखी है। शनिवार को ही दोनों दलों ने इन दोनों सीटों पर अपने-अपने प्रत्य़ाशियों की भी घोषणा कर दी। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जहां तबस्सुम हसन को कैराना लोकसभी सीट से प्रत्य़ाशी बनाया है तो वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने नूरपुर सीट से नईमुल हसन को प्रत्याशी बनाया है।
तबस्सुम हसन इसी सीट 2009 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सांसद रह चुकी हैं। फिलहाल वे सपा में हैं और उनके बेटे नाहिद हसन कैराना विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं। उन्होंने गत विधानसभा चुनाव में कैराना के दिवंगत भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को ही हराया था। अब एक बार फिर कैराना लोकसभा सीट पर उनकी मां तबस्सुम हसन का मुकाबला भाजपा की संभावित प्रत्य़ाशी मृगांका सिंह होना तय़ माना जा रहा है।
यह भी देखें-करोड़ों की चुनावी शराब पकड़ी इसके अलावा नूरपुर सीट पर सपा प्रत्य़ाशी नईमुल हसन भी पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा के दिवंगत विधायक लोकेंद्र चौहान से हार गए थे। इन्हें 12736 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर उनका मुकाबला दिवंगत भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान की पत्नी से होना तय है। जल्द ही दोनों सीटों पर भाजपा अपने प्रत्य़ाशियों की औपचारिक घोषणा करने की तैयारी में है।